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सांड, बंदर, कुत्ते के बाद अब यूपी के अस्पताल में पहुंचा घोड़ा, सहमे मरीज और तीमारदार

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सांड, कुत्ते, भैंस और बंदरों के घुसने की घटनाएं तो आम हो चुकी हैं, लेकिन अब झांसी के रेलवे मंडल अस्पताल में दो घोड़ों के घुसने की घटना ने सभी को हैरान कर दिया।

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झांसी के रेलवे मंडल अस्पताल में घुसे घोड़े, PC- @INCUttarPradesh

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सांड, कुत्ते, भैंस और बंदरों के घुसने की घटनाएं तो आम हो चुकी हैं, लेकिन अब झांसी के रेलवे मंडल अस्पताल में दो घोड़ों के घुसने की घटना ने सभी को हैरान कर दिया। शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 की शाम को यह अनोखा हादसा हुआ, जब दो घोड़े अस्पताल परिसर में दौड़ते हुए वार्डों से लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) कार्यालय तक पहुंच गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।

झांसी के आर्मी क्षेत्र के पास स्थित रेलवे मंडल अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया, जब शाम के समय, जब ओपीडी बंद होने के कारण भीड़ कम थी, दो घोड़े अचानक परिसर में घुस आए। मरीज और उनके तीमारदार वार्डों में या बाहर हरी घास पर बैठे थे, तभी घोड़ों ने इमरजेंसी कक्ष के पास से होते हुए रेडियोलॉजी विभाग और फिर सीएमएस कार्यालय की ओर रुख किया। टाइल्स वाले फर्श पर घोड़ों के टापों की आवाज और उनकी असुविधा के कारण बिदकने की आशंका ने मरीजों और तीमारदारों में दहशत फैला दी।

तीमारदार ने बनाया वीडियो

घोड़ों के अनियंत्रित दौड़ने से हालात और बिगड़ गए। मरीजों के परिजनों ने तुरंत वार्डों के गेट बंद कर लिए, ताकि घोड़े अंदर न घुस सकें। इस बीच, घोड़ों ने जहां रास्ता मिला, वहां दौड़ लगाई। अंततः वार्ड नंबर दो (पुरुष) के पास वाटर कूलर के खुले गेट से वे बाहर निकल गए। इस पूरी घटना को एक तीमारदार ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मरीजों और तीमारदारों में खलबली

घोड़ों के अचानक अस्पताल में घुसने से मरीजों और तीमारदारों में भय का माहौल बन गया। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग मरीजों को घोड़ों के हमले की आशंका सताने लगी। एक मरीज के परिजन ने बताया, “टाइल्स पर घोड़ों के खुरों की आवाज सुनकर डर लग रहा था। अगर वे वार्ड में घुस जाते, तो बड़ा हादसा हो सकता था।” अस्पताल कर्मचारियों ने भी घोड़ों को भगाने की कोशिश की, लेकिन गेट बंद होने तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।

सोशल मीडिया पर बवाल, रेलवे प्रशासन पर सवाल

वायरल वीडियो में घोड़े अस्पताल के गलियारों में स्वतंत्र रूप से घूमते नजर आ रहे हैं, जबकि कर्मचारी और मरीज डर से दरवाजे बंद कर रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर, रोहित, ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन, जीएम और डीआरएम को टैग कर लिखा, “रेलवे अस्पताल कम, पशु चिकित्सालय ज्यादा लग रहा है। गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग यहां भर्ती हैं। जानवरों से इन्हें खतरा हो सकता है।' सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर रेलवे प्रशासन की लापरवाही की कड़ी आलोचना हो रही है।

यूपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर करते हुए इसे ‘चिड़ियाघर मॉडल’ करार दिया। उन्होंने लिखा, 'योगी राज में पहले सड़कें जानवरों के हवाले थीं, अब अस्पताल भी उसी हाल में हैं।' समाजवादी पार्टी ने भी तंज कसते हुए कहा, 'बीजेपी सरकार में अस्पतालों में कुत्तों, बिल्लियों, साँपों, सांडों और चूहों का आतंक था, अब घोड़े भी घुसने लगे हैं।'

रेलवे प्रशासन ने दी सफाई

वायरल वीडियो के बाद रेलवे प्रशासन ने सफाई दी। सीएमएस ने बताया कि अस्पताल परिसर में आवारा पशुओं को रोकने के लिए रेलिंग लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही, कैटल कैचर की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है।

यूपी के अस्पतालों में जानवरों का आतंक

यह कोई पहली घटना नहीं है जब यूपी के सरकारी अस्पतालों में जानवरों के घुसने की खबर सामने आई हो। हाल ही में बरेली में दो सांडों के अस्पताल के पास आपस में भिड़ने का वीडियो वायरल हुआ था। बहराइच के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सांड के घुसने और कागज चबाने की घटना भी चर्चा में रही थी। ये घटनाएं सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा और रखरखाव की खामियों को उजागर करती हैं।