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बरुआसागर किले की लगी बोली, 18 अक्टूबर को तय हो जाएगा मालिक

बरुआसागर किला अब हेरिटेज होटल बनेगा। बड़े उद्यमियों ने लगायी बरुआसागर किले की बोली। पर्यटन विभाग ने मांगी विड, 18 अक्टूबर को तय हो जाएगा मालिक। देश के कई होटल ग्रुप ने पीपीपी मॉडल के आधार पर किले को होटल के रूप में तब्दील करने और पर्यटकों के लिए सुविधाओं उपलब्ध कराने में दिलचस्पी दिखायी है।

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बरुआसागर किला।

योगी सरकार से मिली स्वीकृति के बाद बरुआसागर के किले को हेरिटेज होटल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। देश के कई होटल ग्रुप ने पीपीपी मॉडल के आधार पर किले को होटल के रूप में तब्दील करने और पर्यटकों के लिए सुविधाओं उपलब्ध कराने में दिलचस्पी दिखायी है। पर्यटन विभाग द्वारा टेक्निकल बिड मांगे जा रहे हैं, जिस पर अंतिम फैसला 18 अक्टूबर को लिया जाएगा।


दी जा रही है 9 ऐतिहासिक इमारतें

प्रदेश सरकार ने राज्य के 9 ऐतिहासिक इमारतों को हेरिटेज होटल के स्वरूप देने का फैसला किया है। इसमें झांसी के बरुआसागर का किला भी शामिल है। इसके अलावा लखनऊ का कोठी गुलिस्तान-ए-ईरम, कोठी दर्शन विलास, कोठी रोशन-उद-दुल्लाह, छत्तर मंजिल, मथुरा के बरसाना का जल महल, कानपुर देहात के शुक्ला तालाब की बारादरी, कानपुर नगर की टिकैत राय बारादरी एवं मिर्जापुर का चुनार किला भी हेरिटेज होटल के रूप में बदला जाएगा।


यह होगा हेरिटेज होटल में

पर्यटन विभाग की और से इन हैरिटेज होटल में वेलनेस सेण्टर, माइस एक्टिविटी सेण्टर, रिजॉर्ट, म्यूजियम, हेरिटेज रेस्ट्रॉण्ट, बुटिक रेस्ट्रॉण्ट, बैंक्विट हॉल, वेण्डिंग टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, होम स्टे, थीमैटिक पार्क, अन्य टूरिज्म एवं हॉस्पिटिऐलिटि यूनिट का निर्माण कराया जाएगा। निवेशक को पुरातात्विक भवन का विन्यास यथावत रखने, मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन न करने, भवन का उपयोग उसके पौराणिक तथा ऐतिहासिक महत्व के अनुरूप किये जाने, विरासत भवन के इतिहास के सम्बन्ध में विकासकर्ता द्वारा इनफॉर्मेटिक साइनेजेज की स्थापना करने, स्थानीय संस्कृति, खान-पान, कला, पोशाक, व्यंजन तथा सांस्कृतिक विधाओं का प्रदर्शन, सीएसआर के अंतर्गत चयनित विकासकर्ता द्वारा निकटवर्ती ग्रामों को अंगीकृत करते हुए विकसित करने तथा 25 प्रतिशत स्थानीय नागरिकों को रोजगार प्रदान करने की शर्त प्रमुख होगी।


शादी विवाह के लिए हो सकेगा उपयोग

पूरी जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्ति ने बताया है कि परियोजना के लिए सफल निविदादाता का गुणवत्ता चयन और लागत प्रणाली (क्वॉलिटि ऐण्ड कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन) के आधार पर किया जाएगा। निवेशक किले का उपयोग शादी विवाह आदि के लिए किराए पर देने के लिए भी कर सकेंगे, जिसके लिए शुल्क तय करने का अधिकार निवेशक का ही होगा।