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भाजपा के इन बागियों ने उड़ा दी बड़े-बड़ों की नींद, इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

भाजपा के इन बागियों ने उड़ा दी बड़े-बड़ों की नींद, इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

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bjp in critical condition in nikay chunav

भाजपा के इन बागियों ने उड़ा दी बड़े-बड़ों की नींद, इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

झांसी। निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बागी प्रत्याशियों ने बड़े-बड़े नेताओं की नींद उड़ा कर रख दी है। केंद्र और प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव लग गई है। ऐसे में खासकर उन सीटों पर नजर है, जहां पर मंत्री, सांसद और विधायकों ने पैरवी करके अपने चहेतों को टिकट दिलवा दिया है।

मऊरानीपुर और रानीपुर में भी हैं बागी

जिले की मऊरानीपुर नगर पालिका परिषद और रानीपुर नगर पंचायत के चुनाव में बागी के रूप में खड़े हुए प्रत्याशियों ने पार्टी नेताओं के सामने मुश्किलें पैदा कर दी हैं। इसमें मऊरानीपुर में विधायक बिहारी लाल आर्य अपने चहेते अशोक गिरी को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इससे यह सीट उनके लिए प्रतिष्ठापूर्ण बन गई है। गौरतलब है कि मऊरानीपुर सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा राय के पति विष्णु राय ने भाजपा को चुनौती देते हुए निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा कई बार पार्षद रहे भाजपा नेता राकेश सेठिया भी इस बार बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नगर पालिका अध्यक्ष के लिए अपनी किस्मत आजमाने को चुनाव मैदान में उतरे हैं।

रानीपुर में कांग्रेस ने ऐन वक्त पर बदल कर भाजपा नेता को दिया टिकट

कुछ इसी तरह के हालात रानीपुर नगर पंचायत में भी है। यहां से अध्यक्ष के लिए पार्टी ने अखिलेश गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे वहां भाजपा में टिकट की लाइन में लगे धर्मेंद्र राय ने कांग्रेस से टिकट का जुगाड़ फिट कर लिया और चुनाव मैदान में कूद गए। गौरतलब है कि कांग्रेस ने पहले यहां पर नत्थू सिंह तोमर को टिकट दिया था, लेकिन ऐन नामांकन से एक दिन पहले ही भाजपा से बगावत करने वाले धर्मेंद्र राय को टिकट दे दिया। इससे जिले में तमाम भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। मालूम हो कि ये दोनों ही सीटें केंद्रीय मंत्री उमा भारती के संसदीय क्षेत्र में हैं।