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Jhansi Hospital Fire: झांसी हादसे के शिकार परिजनों को मिलेगी तत्काल आर्थिक सहायता, मौके पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री

Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। ये सभी बच्चे हॉस्पिटल के चिल्ड्र्न वार्ड में एडमिट थें। सीएम योगी ने तत्काल आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। 

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Jhansi Hospital fire

Jhansi Hospital fire

Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को एनआईसीयू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है। शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा। 

परिजनों को मिलेगा मुआवजा 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी रात घटनास्थल से पल-पल की जानकारी ली। टीवी पर भी नजर बनाए रखी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि तत्काल झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना में मृतक नवजातों के परिजनों को 5-5 लाख एवं गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए तत्काल सहायता उपलब्ध कराएं।

घटनास्थल पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री 

इस घटना को लेकर यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं। और उन्होंने नवजात शिशुओं के परिवारों से मुलाकात की। साथ ही घटना के त्रिस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।

ब्रजेश पाठक ने क्या कहा ? 

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा, अग्निशमन विभाग टीम भी इसका हिस्सा होगी, तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कहा कि फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और जून में मॉक ड्रिल भी हुई थी। ये घटना कैसे हुई और क्यों हुई। इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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सचिन माहौर ने क्या कहा ? 

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई। आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजन युक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई। कई बच्चों को बचा लिया गया। 10 बच्चों की मौत हो गई। घायल बच्चों का इलाज चल रहा है।