
इन गांवों में आफत में है जान, 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को बीमारियों ने घेरा
झांसी। पारीछा थर्मल पावर प्लांट से उड़ने वाली राख और बेतवा नदी में बहाए जाने वाले जले तेल, केमिकल्स व राख के कारण लोगों की जान आफत में नजर आने लगी है। यहां का वातावरण और बेतवा का पानी प्रदूषित हो गया है। इससे लोगों और जानवरों के सामने जान का संकट नजर आने लगा है। हालत यह हो गई है कि इसके आसपास गांवों में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को बीमारियों ने घेर रखा है। इसलिए अगर सरकार इन हालात पर नियंत्रण कर पाने में सक्षम नहीं है, तो इन गांवों को दूसरी जगह विस्थापित करा दिया जाए। कुछ इसी आशय का एक ज्ञापन यहां के लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा है।
कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को दिया ज्ञापन
इस संबंध में बुन्देलखंड किसान पंचायत के जिलाध्यक्ष रामजी सिंह जादौन एवं अशोक सिंह के साथ गौरी शंकर बिदुआ, बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय, रघुराज शर्मा, उदय सिंह, चन्द्रभान ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि पारीछा व रिछौरा के पूर्व व पश्चिम दिशा में दोनों तरफ पारीछा थर्मल पावर से निकलने वाली राख के बांध (एस डैम) बने हुए हैं। ये पूरी तरह से राख से भर चुके हैं। इसके अलावा दक्षिण दिशा में बेतवा नदी है तथा उत्तर दिशा में थर्मल पावर प्रोजेक्ट बना है। इन्हीं के बीच में ग्रामवासी रह रहे हैं। चिमनियों उड़ रही राख व एसडैम में बहाई जाने वाली राख व केमिकल्स से 90 प्रतिशत ग्रामवासी टीबी, दमा एवं खाज-खुजली, दंत और किडनी की बीमारी से ग्रसित हो चुके है। गांव वालों का जीना दूभर हो गया है। इसके साथ ही बेतवा नदी के पानी भी थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले जले हुए तेल व केमिकल्स से खराब हो रहा है। सभी ने मिलकर ज्ञापन के माध्यम से इस समस्या को दूर करने की मांग की है।
Published on:
15 Jun 2018 10:06 pm
बड़ी खबरें
View Allझांसी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
