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झांसी में लगी कारसेवक जगत की प्रतिमा, पुलिस की गोली से हुई थी मौत

30 अक्टूबर 1990 को जब जगत और उसके दोस्त एलवीएम की ओर बढ़े, तो पुलिस ने अचानक उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई, जबकि उनके कई दोस्त घायल हो गए।

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झांसी. उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में जगत नारायण अग्रवाल की अक्टूबर 1990 में पुलिस फायरिंग के दौरान उस वक्त गोली मार दी गई थी, जब वह गिरफ्तार कार सेवकों को खाना बांट रहे थे। अब उनकी एक प्रतिमा झांसी में लगाई गई है। प्रतिमा खंडेराव गेट पर स्थापित की गई है जहां यह घटना हुई थी। शहर की ओर जाने वाली एक सड़क का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है।

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घायलों को किया गया सम्मानित

जगत के माता-पिता का भी भाजपा सांसद अनुराग शर्मा, झांसी के मेयर राम तीरथ सिंघल और विधायक रवि शर्मा ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अभिनंदन किया। पुलिस फायरिंग में घायल हुए लोगों को भी सम्मानित किया गया। 1990 में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में अयोध्या की ओर जाने वाले सैकड़ों कार सेवकों को झांसी में गिरफ्तार कर लक्ष्मी व्यायाम मंदिर (एलवीएम) में रखा गया था। 30 अक्टूबर 1990 को जब जगत और उसके दोस्त एलवीएम की ओर बढ़े, तो पुलिस ने अचानक उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई, जबकि उनके कई दोस्त घायल हो गए।

भाजपा नेता ने की मांग

पूरे कार्यक्रम की कल्पना और समन्वय करने वाले भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष प्रदीप सरोगी ने कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर के लिए अपनी जान गंवाई है, खासकर बाबरी मस्जिद के विध्वंस के दौरान, उन्हें भी इसी तरह सम्मानित किया जाना चाहिए।

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