परेशानियों को ध्यान में रखकर किया गया बदलाव बढ़ती हुई आबादी को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा पहले भी परिवार नियोजन से संबन्धित कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसमें कॉपर टी, सहेली और निरोध आदि का प्रयोग किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा कॉपर टी लगवाने में कहीं न कहीं कुछ समस्याएं हो रही हैं, वहीं नियमित गोली खाने में भी महिलाओं से चूक हो जाती है। इससे उन्हें अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ता है। इन्हीं चीजों को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने परिवार नियोजन की विधियों में दो और नई विधियों को 40 जिलों में अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट के रूप में 15 फरवरी 2018 को लांच किया था। यह महिलाओं के लिए पूर्ण गोपनीयता के साथ एक सुरक्षित, प्रभावी और परेशानी मुक्त पद्धति है। जिले में पिछले ढाई माह में यह इंजेक्शन महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है। वहीं साप्ताहिक गोली छाया के सेवन के लिए भी महिलाएं आगे आ रही हैं।
क्या है अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट – एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए महिला को तीन माह में एक इंजेक्शन लगाया जाता है। इस प्रकार साल में चार इंजेक्शन लगाये जाते हैं। इसका अर्थ है कि एक बार इंजेक्शन लगवाने से तीन माह तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा। जो महिलाए इंजेक्शन लगवाने से डरती हैं, उनके लिए छाया गोली है जो हफ्ते में 2 बार खानी होती है। महिलाएं जब तक छाया पिल एवं अंतरा इंजेक्शन का सेवन करेंगी उन्हें गर्भधारण नहीं होगा। जब उन्हें दुबारा मां बनना हो तो वे इन पिल्स या इंजेक्शन का सेवन बंद कर सकती हैं।
गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा के फायदे क्या है- गर्भनिरोधक इंजेक्शन से स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। गर्भाशय के कैंसर से बचाव होता है। साथ ही महिलाओं का हीमोग्लोबिन भी अच्छा हो जाता है।
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गर्भनिरोधक इंजेक्शन के साइड इफेक्ट
इन्हें नहीं लगाया जाता ये इंजेक्शन, जिला महिला अस्पताल की परिवार कल्याण परामर्शदाता प्रियंका सेंगर का कहना है कि पहले इंजेक्शन लगाने के बाद कुछ महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान रक्त स्त्राव से संबन्धित समस्या हो सकती है, जो बाद में सही भी हो जाती है। इसके लिए वो पहले ही महिला को बता देती हैं जिससे वह घबराएं नहीं। इंजेक्शन लगने के साथ महिलाओं को एक कार्ड भी दिया जाता है। कार्ड पर अगली तिथि के बारे में भी जानकारी लिख दी जाती है, ताकि महिलाओं को याद रहे कि उन्हें दुबारा इंजेक्शन लगवाने कब आना है। इसके अलावा उन्होंने बताया यह इंजेक्शन ऊपरी बांह की मांसपेशी में अथवा कूल्हे में लगाया जाता है। यह मासिक धर्म के पहले दिन से सातवें दिनों के दौरान दिया जाता है। इसमें एक सावधानी ये रखनी होती है कि जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है उनको यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है।
गर्भनिरोधक इंजेक्शन के साइड इफेक्ट
इन्हें नहीं लगाया जाता ये इंजेक्शन, जिला महिला अस्पताल की परिवार कल्याण परामर्शदाता प्रियंका सेंगर का कहना है कि पहले इंजेक्शन लगाने के बाद कुछ महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान रक्त स्त्राव से संबन्धित समस्या हो सकती है, जो बाद में सही भी हो जाती है। इसके लिए वो पहले ही महिला को बता देती हैं जिससे वह घबराएं नहीं। इंजेक्शन लगने के साथ महिलाओं को एक कार्ड भी दिया जाता है। कार्ड पर अगली तिथि के बारे में भी जानकारी लिख दी जाती है, ताकि महिलाओं को याद रहे कि उन्हें दुबारा इंजेक्शन लगवाने कब आना है। इसके अलावा उन्होंने बताया यह इंजेक्शन ऊपरी बांह की मांसपेशी में अथवा कूल्हे में लगाया जाता है। यह मासिक धर्म के पहले दिन से सातवें दिनों के दौरान दिया जाता है। इसमें एक सावधानी ये रखनी होती है कि जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है उनको यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है।