
झाँसी. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी स्टेशन की सुविधाओं का आने वाले दिनों में विस्तार किया जाना है। पूरे देश में 70 रेलवे स्टेशनों को क्षेत्रीय स्तर पर पुनर्विकसित किया जाना है, जिनमें से एक उत्तर मध्य रेलवे का झांसी स्टेशन भी है। उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी, मथुरा और इलाहाबाद को पुनर्विकसित करते हुये अपग्रेड किया जायेगा। क्षेत्रीय स्तर पर विकसित किये जाने वाले झांसी स्टेशन पर पुनर्विकास कामों में कई तरह के सुधार किये जायेंगे।
रेल के अफसरों ने बताया कि स्टेशन भवन के फसाड यानि इमारत के मुहार में सुधार, यातायात के आवागमन के अनुकूल बनाने के लिए सर्कुलेटिंग एरिया में सुधार, ग्रेनाइट और वैक्यूम डिवाटर्ड कंक्रीट से प्लेटफार्म की सतह में सुधार, आवश्यकता के मुताबिक एवं बेहतर साफ़-सफाई के लिए वाशेबुल एप्रन का निर्माण, कूड़े को व्यवस्थित तरीके से एकत्रित करना एवं उसका निस्तारण जैसी सुविधाएँ बेहतर की जाएँगी। इसके साथ ही माड्यूलर वाटर कियोस्क, वॉटर एटीएमों के प्रावधान के साथ-साथ मौजूदा वेटिंग हॉल, वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम, शौचालयों में सुधार, प्लेटफार्म की लम्बाई के मुताबिक पीने के पानी बेहतर व्यवस्था की जाएगी।
रेलवे स्टेशन पर पेड एक्जीक्यूटिव लांज की सुविधा, स्टेशन अधीक्ष, स्टेशन मास्टर, उप स्टेशन अधीक्षक के कमरों में सुधार, बुकिंग एरिया एवं आगमन परिक्षेत्र में सुधार, लिफ्ट एवं स्केलेटर के प्रावधान के साथ-साथ पुलों का चौड़ीकरण, स्टेनलेस स्टील की बेंचो की व्यवस्था, मॉड्यूलर कैटेरिंग कियोस्कों की व्यवस्था, ट्रेस पासिंग को रोकने एवं नियंत्रण बनाये रखने के लिए सीमावर्ती बाड़ों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा बेहतर प्रकाश व्यवस्था के लिए एलईडी लाइटों की व्यवस्था, दिव्यांगजनों के लिए स्पर्श टाइल्स, स्टेंर्डड मॉड्यूलर संकेत का प्रबंध, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, सभी सुविधाओं को दर्शाता स्टेशन का मानचित्र, व्हीलचेयर की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी। साथ ही स्टेशन के पास अपना जिंगल भी होगा जिससे पब्लिक एनाउंसमेंट के बीच में बजाया जायेगा।
झांसी मंडल के अफसरों ने बताया कि एनसीआर के जीएम ने स्टेशन के अपग्रेडेशन को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन सभी कामों को दिसम्बर 2018 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य है। अपग्रेडेशन में इस बात पर फोकस रहेगा कि किसी अनावश्यक निर्माण से बचा जाये। मण्डल रेल प्रबंधक समग्र आर्किटेक्चरल योजना के लिए आर्किटेक्चरल कनसलटेंट नियुक्त करेगें और इसके साथ ही स्थानीय स्टेक होल्डरों से फीडबैक लिया जाएगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की विशेष टीम भी मण्डल रेल प्रबंधक की मदद करेगी। इस पूरे सुधार कार्य पर 15 से 20 करोड़ रूपये का खर्च आने का अनुमान है।
Published on:
22 Mar 2018 03:55 pm
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