
पत्रिका फाइल फोटो
Rajasthan News: विशिष्ठ न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट झुंझुनूं इसरार खोखर ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने व उसके साथ बलात्कार करने के दोषी शंकर अहीरवार पुत्र उधा अहीरवार निवासी पंचमपुर थाना चंदला जिला छत्तरपुर मध्यप्रदेश को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख 31 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर आरोपी को तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मामले के अनुसार 8 फरवरी 2023 को पीड़िता के पिता ने मेहाड़ा थाने में रिपोर्ट दी कि वह करीब सात वर्ष से झुंझुनूं जिले के एक गांव में परिवार सहित रह रहा है। उसकी बड़ी बेटी 6 फरवरी 2023 को घर से बिना बताए चली गई। शक है कि शंकर नाम का लड़का उसे अपने साथ कहीं ले गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। नाबालिग को दस्तयाब कर लिया।
अनुसंधान के दौरान आरोपी शंकरलाल को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध सम्बन्धित न्यायालय में चालान पेश किया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ठ लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू व परिवादी की तरफ से पैरवी कर रहे बलवंत सैनी ने कुल 17 गवाहान के बयान करवाए व 53 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाए।
लोक अभियोजक ने यह भी बताया कि पीड़िता गर्भवती हो गई थी, जिसे विधिक क्रिया अपनाते हुए गर्भपात की प्रक्रिया भी की गई थी। उन्होंने कहा कि मामला गंभीर प्रकृति का है, अत: आरोपी को सख्त सजा दी जाए। न्यायालय ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश्लेषण कर आरोपी शंकर को उक्त सजा व जुर्माने के साथ-साथ अन्य विभिन्न धाराओ में सजा और अर्थदण्ड से दंडित किया। सभी सजा साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। न्यायालय ने आरोपी पर कुल एक लाख 31 हजार रुपए का आर्थिक दण्ड लगाया है।
लोक अभियोजक भाम्बू ने दलील दी कि शंकरलाल पीड़िता के घर आता जाता रहता था। पीड़िता के माता-पिता को सब्जी में नशे की गोलियां देता था। परिवार के सदस्य सो जाते थे तब बालिका को छत पर बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म करता था। आरोपी ने पीड़िता के साथ 10-15 दिन तक दुष्कर्म किया। इसके अलावा दूसरी जगह ले जाकर भी दुष्कर्म किया।
Published on:
30 Sept 2025 03:26 pm
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