12 वर्षीय बेटे ने दी चिता को आग- अंतिम यात्रा के दौरान जवान को उनकी यूनिट के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जबकि 12 वर्षीय बेटा नितिन ने चिता को मुखािग्न दी। इससे पूर्व जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मेजर हरचन्द यादव ने बताया कि 3 जनवरी को महीपाल की अचानक तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद उन्हें मथूरा आर्मी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां सेहत में सुधार नहीं होने पर दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। यहां 9 जनवरी के शाम को ईलाज के दौरान महीपाल का निधन हो गया।
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एक दुर्घटना में कट गया था पैर- वहीं जवान के शव के साथ आए ललीत महला और नरेश कुमार ने बताया कि महीपाल हमेशा बहादुरी से काम करने वाला व्यक्ति था। जो कबड्डी का माहीर खिलाड़ी था। साथ ही बताया कि ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में महीपाल का पैर भी कट गया था, लेकिन हमेशा ही महीपाल ने बहादुरी व साहसी का परिचय दिया है। जवान की पार्थिव देह पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी एमए राठौड़, सिंघाना नायब तहसीलदार ओमप्रकाश मीणा, सिंघाना थानाधिकारी सज्जनसिंह नेहरा, पूर्व सरपंच कृष्ण कुमार यादव, बिजेन्द्र भास्कर, मैजर हरचन्द यादव, नरेश कुमार, सुभाष आदि ने जवान के पार्थिक देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए।
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