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नए सत्र में नई व्यवस्था, स्कूल ना खुली तो भी घर से होगी परीक्षा

नए सत्र में सीबीएसई नवंबर दिसंबर के करीब फस्र्ट टर्म की परीक्षा कराएगा। इसमें करीब 50 फीसदी सिलेबस को शामिल किया जाएगा। फस्र्ट टर्म में सारे प्रश्न वैकल्पिक वाले होंगे और इन्हें हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा।

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नए सत्र में नई व्यवस्था, स्कूल ना खुली तो भी घर से होगी परीक्षा

नए सत्र में नई व्यवस्था, स्कूल ना खुली तो भी घर से होगी परीक्षा

झुंझुनूं ञ्च पत्रिका. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सत्र 2021-22 के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए नए सत्र के लिए किए गए प्रावधान काफी लचीले हैं।
सीबीएसई की ओर से जारी नए प्रावधानों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते अगर ऐसी स्थिति पैदा हो जाए कि सालभर भी स्कूल ना खुले तो सीबीएसई बोर्ड टर्म फस्र्ट और सेकंड की एग्जाम घर से कराएगा। वहीं दसवीं और बारहवीं बोर्ड के परिणाम तैयार करने के लिए इंटर्नल एसेसमेंट, प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट वर्क और टर्म फस्र्ट और सेकंड में घर से दिए गए एग्जाम के माक्र्स को आधार बनाया जाएगा। इसके विपरीत अगर हालात सामान्य रहे तो बच्चों को स्कूल में बुलाकर बोर्ड परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। वहीं ऐसी स्थिति रही कि नवंबर-दिसंबर 2021 तक स्कूल बंद रहे तो फस्र्ट टर्म का एग्जाम ऑनलाइन या ऑफलाइन पैटर्न पर घर से कराया जाएगा और दूसरे टर्म के एग्जाम स्कूल में होंगे। इसी तरह अगर शुरू में स्कूल खुले और मार्च-अप्रैल 2022 के दौरान स्कूल बंद रहे तो पहले टर्म के एग्जाम और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।

वैकल्पिक प्रश्न होंगे
नए सत्र में सीबीएसई नवंबर दिसंबर के करीब फस्र्ट टर्म की परीक्षा कराएगा। इसमें करीब 50 फीसदी सिलेबस को शामिल किया जाएगा। फस्र्ट टर्म में सारे प्रश्न वैकल्पिक वाले होंगे और इन्हें हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा।

दूसरे टर्म का एग्जाम 2 घंटे का
सीबीएसई की ओर से सेकंड टर्म का एग्जाम मार्च-अप्रैल 2022 के दौरान कराया जाएगा। इस एग्जाम में केस बेस्ड, सिचुएशन बेस्ट, ओपन एंडेड शॉर्ट आंसर, लोंग आंसर टाइप के प्रश्न होंगे। इन्हें हल करने के लिए 2 घंटे का समय दिया जाएगा। अगर परिस्थिति सामान्य ना रही तो फस्र्ट टर्म की भांति ही मल्टीपल चॉइस वाले प्रश्नों के आधार पर परीक्षा कराई जाएगी।

पाठ्यक्रम में कटौती संभव
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्कूल कुछ महीने और बंद रह सकते हैं। ऐसे में पाठ्यक्रम में कटौती का फैसला संभव हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 30 फीसदी तथा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 40 फीसदी पाठ्यक्रम में कटौती की थी।

सीबीएसई ने नए अकादमिक सत्र को दो भागों में बांटकर बेहतरीन कार्य किया है। नए सत्र में काफी प्रावधान किए गए हैं जो परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहेंगे। इससे विद्यार्थी और शिक्षक दोनों समुदायों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
- डॉ रवि शंकर शर्मा, सीबीएसई बोर्ड एग्जाम जिला कोऑर्डिनेटर


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