
Digital Arrest Case: झुंझुनूं जिले के बहुचर्चित डिजिटल अरेस्ट केस में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डिजिटल अरेस्ट गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी कांड को हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने देशव्यापी ‘ऑपरेशन चक्र-5’ चलाया। इसके तहत मुंबई और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से चार मुख्य सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मामले के अनुसार बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर श्रीजाता डे से साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई, ईडी, ट्राई और महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताकर 7.67 करोड़ रुपए की ठगी की।
राज्य सरकार के आग्रह पर मामला सीबीआई ने अपने हाथ में लिया और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए बैंक खातों, डिजिटल डिवाइसेज़ और कॉल डेटा का गहन विश्लेषण किया। जांच के आधार पर हाल ही मुंबई, मुरादाबाद, सम्भल, जयपुर और पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर में 12 स्थानों पर छापे मारे गए।
इस दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और बड़ी मात्रा में बैंक दस्तावेज, डेबिट कार्ड, चेक बुक और डिजिटल सबूत बरामद किए गए। आरोपियों को अदालत में पेश कर 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है।
प्रोफेसर श्रीजाता डे ने साइबर ठगों के डर से 80 लाख का लोन भी ले लिया था। ठगों ने उन्हें स्काइप कॉल पर ‘मुंबई पुलिस’, ‘सीबीआई अधिकारी’ और ‘ईडी अफसर’ बनकर अलग-अलग लोग डराते रहे। एक स्काइप मीटिंग के दौरान ठगों ने उन्हें नरेश गोयल केस से जोड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट तक मामला जाने की धमकी दी।
श्रीजाता डे से 29 अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक 42 बार ट्रांजेक्शन करवाए गए। जब मामला खुला तो झुंझुनूं साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई। प्राथमिक जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह ठगी एक अंतरराष्ट्रीय गैंग द्वारा अंजाम दी गई है।
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Published on:
16 Apr 2025 08:41 am
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