scriptशहादत को सलाम: देश पर कुर्बान सपूत को ईद के दिन नम आंखों से दी विदाई | Funeral of martyr Mohsin Khan of Kolinda village of Jhunjhunu | Patrika News

शहादत को सलाम: देश पर कुर्बान सपूत को ईद के दिन नम आंखों से दी विदाई

locationझुंझुनूPublished: Aug 01, 2020 08:31:49 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

जम्मू के नौशेरा में तैनात इलाके के गांव कोलिंडा निवासी 16 ग्रेनेडियर में तैनात मोसिम खान (22) स्नाइपर शूट के दौरान शुक्रवार को शहीद हो गए। शनिवार देर शाम उनकी पार्थिव देह को पूर्ण सैन्य सम्मान से गांव में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।

martyr_mohsin_khan_1.jpg
बिसाऊ (झुंझुनूं)। जम्मू के नौशेरा में तैनात इलाके के गांव कोलिंडा निवासी 16 ग्रेनेडियर में तैनात मोसिम खान (22) स्नाइपर शूट के दौरान शुक्रवार को शहीद हो गए। शनिवार देर शाम उनकी पार्थिव देह को पूर्ण सैन्य सम्मान से गांव में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इससे पहले अपराह्न 4.30 बजे जब शहीद की पार्थिव देह पहुंची तो गगनभेदी नारों के साथ युवाओं व अन्य ग्रामीणों ने शहादत को सलाम किया। शहीद के घर पार्थिव देह को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई। शहीद मोसिम के पिता रिटायर्ड सूबेदार सरवर खान अपने जवान बेटे को तिरंगे में लिपटा देख अपनी सुध-बुध खो बैठे। वहीं मां बलकेश व दो बहनों का क्रंदन हर किसी की आंख में पानी भर गया।
शहीद मोसिम खान की पार्थिव देह के साथ आए सेना के अधिकारी ने सरवर खान को तिरंगा सौंपते हुए शहादत को सलाम किया। जवानों ने गार्ड आफ ऑनर दिया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर परवेज अहमद ने बताया कि बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान मोसिम खान किसी उपकरण से घायल होने के बाद शहीद हो गए। सेना के बोर्ड कार्यालय की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मोसिम खान को शहीद का दर्जा दिया जाएगा।
चार भाई बहनों में सबसे छोटे
शहीद के साथ तैनात उनके चचेरे भाई ग्रेनेडियर इकरार खान ने बताया कि चार भाई-बहनों में सबसे छोटे मोसिम 3 साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। उनके बड़े भाई अमजद खान भी जम्मू के राजौरी इलाके में तैनात हैं। दो बहनों की पास के ही गांव कोल्याली और लावंडा में शादी हुई है। वहीं शहीद के पिता सरवर खान भी रिटायर्ड सूबेदार है। ग्रेनेडियर इकरार खान ने बताया कि मोसिम खान के शहीद होने की सूचना उनको शुक्रवार शाम 5 बजे ही मिल गई थी। लेकिन उन्होंने परिवार में किसी को भी इसके बारे में नहीं बताया शनिवार सुबह शहीद के माता-पिता को इस दुखद घटना की जानकारी दी गई।
जनाजे पर बरसाए फूल
शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं महिलाओं ने अपने लाडले शहीद की अंतिम यात्रा में छतों से फूल बरसाकर नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के चचेरे भाई नवाब अली ने बताया कि ईद उलजुहा पर्व की रौनक हर चेहरे से गायब हो गई। ईद के पहले दिन ही गांव को अपने लाडले की शहादत की जानकारी मिल चुकी थी। शनिवार को दिन भर गांव में मातम छाया रहा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो