
पौधों में नियमित खाद, पानी डालने व उनकी रखवाली करने वालों को सरकार बढावा देगी। उनको कच्ची नौकरी पर रखा जाएगा। इससे दो फायदे होंगे। पहला पौधों की सुरक्षा होगी, उनको खाद पानी मिलेगा तो वे बड़े वृक्ष बनेंगे। दूसरा फायदा यह होगा कि ग्रामीणों को रोजगार मिल जाएगा।
पर्यावरण प्रेमी को मानदेय मिलने से वे ज्यादा उत्साह व मेहनत से कार्य करेंगे। इसे वाच एंड गार्ड नाम दिया गया है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में होगा, पूरे राज्य में लगभग सात से आठ हजार ग्रामीणों को रोजगार मिलने की संभावना है। जरूरत के अनुसार इनकी संया कम और ज्यादा हो सकती है। जिले सहित पूरे राज्य में हर बार पौधे तो खूब लगाए जाते हैं लेकिन उनकी समय पर देखभाल नहीं होती। समय पर खाद पानी नहीं डाला जाता तो अधिकांश जलकर नष्ट हो जाते हैं। इस योजना में श्रमिक लगाने से पौधों के बचने की संभावना बढ़ेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 200 पौधे एक साथ लगाए जाएंगे वहां एक अकुशल श्रमिक को लगाया जाएगा। पौधे सरकारी स्थान, ग्राम पंचायत, मुक्ति धाम, जोहड़, गोशाला व एवं अन्य सार्वजनिक स्थान पर होने चाहिए। अकेले झुंझुनूं जिले में 185 जगह ऐसी चिन्हित कर ली गई है, जहां अकुशल श्रमिकों को वाच एंड वार्ड नियुक्ति किया जाएगा।
जिस ग्रामीण को पौधों की रखवाली की जिमेदारी दी जाएगी उसे नरेगा के मद में अकुशल श्रमिक के नियमों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। ऐसे में नियमित कार्य करने व पौधों की सही तरीके से सुरक्षा करने पर ही उसे लगभग पांच से छह हजार रुपए प्रति माह का भुगतान किया जा सकेगा। लेकिन अगर उसने कार्य में लापरवाही बरती तो भुगतान कम भी हो जाएगा।
जहां लगभग 200 पौधे लगाए जाएंगे वहां अकुशल श्रमिक को नियुक्त किया जाएगा। इसे भुगतान नरेगा के मापदंडों के अनुसार दिया जाएगा। योजना अच्छी है। इससे पौधों की रखवाली होगी। भुगतान तभी पूरा मिलेगा जब वह नियमों के अनुसार कार्य करेगा। पौधे नष्ट होने पर भुगतान भी कम हो जाएगा।
अबालाल मीणा, सीइओ, जिला परिषद झुंझुनूं
Updated on:
20 Jul 2024 04:11 pm
Published on:
20 Jul 2024 04:10 pm
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