
पचलंगी। झुंझुनूं जिले में सिंचित व बारानी क्षेत्र में सरसों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। लेकिन जिले में उत्पादन सरसों का बड़ा भाग देश के अन्य राज्यों व प्रदेश के अन्य जिलों में चला जाता है। किशन लाल शर्मा कांकरिया, परसाराम सैनी काटलीपुरा, हरसा राम सैनी बाघोली, अर्जुन लाल रोहिलाण पचलंगी सहित अन्य का कहना है कि सरसों के उत्पादन से जुड़ा कोई बड़ा कारखाना नहीं है। अगर जिले में सरसों से जुड़े उत्पादन तेल, पशु आहार, शहद सहित अन्य के लिए बड़ा कारखाना हो तो किसानों को उत्पादन का अच्छा लाभ मिल सकता है। वैसे तो जिले में काली एवं पीली सरसों की पैदावार होती है। लेकिन पीली सरसों में तेल की मात्रा अधिक होने के कारण किसान इसकी बुआई अधिक करते हैं। तेल के लिए किसान उत्पादक दो करते हैं लेकिन जिले में कारखाना नहीं होने के कारण यह सरसों सस्ते दामों में अन्य जगह भेजनी पड़ती है।
झुंझुनूं जिले के पहाड़ी क्षेत्र में सरसों के खेतों के आस-पास शहद बनाने के डब्बे लगाए जाते हैं। यहां तैयार किया शहद अन्य शहरों में ले जाया जाता है। हमारे जिले से सरसों से उत्पादन शहद को कंपनियों के द्वारा लेबल लगाकर ऊंचे दामों में बेचा जाता है। सरसों के व्यवसाय से जुड़े मानसिंह कुड़ी पचलंगी ने बताता कि सरसों से जुड़े शहद सहित अन्य कुटीर उद्योग जिले में स्थापित हो तो किसानों को मोटा मुनाफा मिले व आमजन को सस्ती दर पर उत्पादन मिले।
सरसों से तेल व्यवसाय मुख्य है। सरकार ध्यान दे तो सरसों से तेल के साथ शहद का कारोबार भी बड़े पैमाने पर हो सकता है। खेती बाड़ी से जुड़े सेवानिवृत अध्यापक फूलचंद कुड़ी पचलंगी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ध्यान दे तो सरसों से तेल के साथ कई उत्पादन कर लोगों का रोजगार का जरिया बन सकता है।
झुंझुनूं जिले में सरसों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। सरसों तेल के उत्पादन के साथ पशु आहार, शहद, आचार के मसाले सहित अन्य उत्पादन का मुख्य स्रोत है। इसके उपयोग के लिए स्थानीय स्तर पर कारखाने व संसाधन मिले तो किसानों को उत्पादन का अच्छा लाभ व आमजन को सस्ती दर पर उच्च क्वालिटी का उत्पादन मिले।
-शीशराम जाखड़, उपनिदेशक एवं पदेन परियोजना निदेशक (आत्मा) झुंझुनूं।
Published on:
22 Feb 2025 07:19 pm
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