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राजस्थान के 2 शहर आज पूरी तरह बंद: मास्टर प्लान को लेकर सीकर में विरोध; यहां हुआ स्मार्ट मीटर का विरोध

Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में बिजली निगम की स्मार्ट मीटर योजना के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इधर, सीकर में मास्टर प्लान को लेकर सीकर शहर भी बंद रहा।

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Sikar and Jhunjhunu closed

फोटो: पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में बिजली निगम की स्मार्ट मीटर योजना के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इधर, सीकर में मास्टर प्लान को लेकर सीकर शहर भी बंद रहा। इस बंद को जिला सीकर व्यापार महासंघ, सीकर व्यापार संघ सहित 14 संगठनों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस, माकपा, भाकपा, आरएलपी, बार एसोसिएशन, किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन, जनवादी नौजवान सभा, एसएफआई और किसान क्रांति यूनियन ने भी बंद का समर्थन किया है।

बता देंसस्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को झुंझुनूं जिला पूरी तरह बंद रहा। सुबह से ही झुंझुनूं शहर के साथ-साथ चिड़ावा, खेतड़ी और पिलानी में बाजार, दुकानें, और निजी स्कूल बंद रहे। इस विरोध में व्यापारियों, किसानों, और आम नागरिकों ने एकजुट होकर अपनी नाराजगी जाहिर की।

गांधी चौक से कलेक्ट्रेट तक रैली

सुबह शहर की एक नंबर रोड पर सभी प्रतिष्ठान बंद दिखे। विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र गांधी चौक से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई विशाल रैली रही, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। रैली का नेतृत्व जिला परिषद सदस्य पंकज धनकड़ और राजेंद्र फौजी ने किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि स्मार्ट मीटर योजना वापस नहीं ली गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

वकीलों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया। बार यूनियन ने कार्य का बहिष्कार कर अदालत परिसर में नारेबाजी की और स्मार्ट मीटर के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। पिलानी में भी बाजार पूरी तरह बंद रहा और व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोलीं। संघर्ष समिति की अपील पर निजी स्कूलों ने भी अवकाश घोषित किया।

विरोध के मुख्य कारणसंघर्ष समिति और स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर योजना आम जनता, खासकर किसानों के लिए भारी बोझ बन रही है।

यहां देखें वीडियो-


विरोध के प्रमुख कारणों में शामिल हैं-

महंगे बिल: स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल कई गुना बढ़ गए हैं। चार्ज हर महीने बिना किसी स्पष्ट आधार के बढ़ रहा है, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव पड़ रहा है।

तकनीकी खामियां: मीटर की खराब तकनीक के कारण बिजली कटौती और प्रीपेड रीचार्ज की समस्याएं बढ़ गई हैं। उपभोक्ताओं को बार-बार रीचार्ज का झ_BUFFALO झेलना पड़ रहा है।

पारदर्शिता की कमी: बिजली विभाग ने मीटर लगाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती। लोगों की सहमति के बिना जबरन मीटर लगाए गए, जिससे जनता में रोष है।

आम उपभोक्ताओं का कहना है कि यह योजना उनकी जेब पर डाका डाल रही है और प्रीपेड सिस्टम ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। हालाँकि दूसरी ओर सरकार और बिजली विभाग का दावा है कि स्मार्ट मीटर योजना से उपभोक्ताओं को कोई नुकसान नहीं होगा। विभाग के अनुसार स्मार्ट मीटर से बिलिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सटीक होगी, और बिल में कोई अतिरिक्त वृद्धि नहीं होगी। उपभोक्ताओं को मीटर के लिए कोई भुगतान या अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा।

सीकर में मास्टर प्लान का विरोध

इधर, सीकर में गुरुवार को मास्टर प्लान-2041 के विरोध में शहर बंद रहेगा। इस बंद को जिला सीकर व्यापार महासंघ, सीकर व्यापार संघ सहित 14 संगठनों का समर्थन प्राप्त है। संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट सूरजभान सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान-2041 के खिलाफ 6 हजार से ज्यादा आपत्तियां दर्ज की गई हैं। राज्य सरकार ने बिना भौतिक सत्यापन के यह प्लान तैयार किया, जिससे 50 गांवों के किसानों और शहर के आसपास मकान बनाने वालों की जमीनें प्रभावित हुई हैं।

प्रस्तावित 200 फीट की सड़कों और कृषि भूमि को अन्य उपयोग के लिए आरक्षित करने से लोगों में आक्रोश है। समिति ने मास्टर प्लान रद्द करने की मांग की है। बंद के दौरान सभा में मास्टर प्लान के नुकसान पर चर्चा होगी और आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी। लोगों को असुविधा न हो, इसलिए अस्पताल, दवा दुकानें, पेट्रोल पंप, स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को बंद से बाहर रखा गया है।


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