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चिड़ावा (झुंझुनूं). उपखंड मुख्यालय से महज दो किमी दूर स्थित निजामपुरा तन ओजटू के 11वीं तक पढ़े किसान ने जुगाड़ से निराई-गुडाई करने के साथ-साथ खरपतवार हटाने की मशीन बनाने में कामयाबी हासिल की है। गांव के किसान ओमप्रकाश सैनी ने अपने पुत्र हरकेश सैनी के सहयोग से इस मशीन को ईजाद किया है। कम खर्च वाली यह मशीन किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। किसान ओमप्रकाश बताते हैं कि महंगाई व मजदूर नहीं मिलने के कारण इस प्रकार का आइडिया आया। मशीन को बनाने में महज दस हजार रुपए खर्चाआया है। जिसे बनाने में करीब एक महीने का समय लगा। किसान ओमप्रकाश ने मशीन में बाइक का पुराना इंजन, कल्टीवेटर की चरखी व अन्य पुराना सामान काम में लिया। किसान का मानना है कि मशीन किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। हालांकि मशीन में कुछ सुधार की आवश्यकता है और इसे और बेहतर बनाने के लिए किसान ओमप्रकाश कार्य कर रहा है।
इंजन-कबाड़ से बना दी मशीन
किसान ओमप्रकाश ने अपने बेटे हरकेश (बिजली निगम में तकनीकी सहायक) के सहयोग से मशीन ईजाद की। किसान ने बताया कि मशीन बनाने में बाइक का पुराना इंजन, कल्टीवेटर की दो चरखी, दो बेरिंग, दो थ्रेसर ब्लेड, लोहे का स्ट्रेक्चर काम में लिया।
यूं काम करती है मशीन-
लोहे के स्ट्रेक्चर पर बाइक का इंजन लगा रखा है। जिसे पूली के माध्यम से नीचे लोहे के टायरों (कल्टीवेटर की दो चरखी) से जोड़ दिया गया। नीचे ही दो थ्रेसर की ब्लेड लगी है। स्ट्रेक्चर के हत्थे पर बाइक का स्टेरिंग लगाकर कंट्रोल पैनल बना रखा है। जिससे मशीन की रफ्तार कम या ज्यादा की जा सकती है। पेट्रोल के लिए अलग से टंकी बना रखी है। इंजन किक से स्टार्ट होता है।
एक बीघा पर 70 रुपए का खर्चा-
किसान ओमप्रकाश ने जो मशीन ईजाद की है, वह किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। किसान ने बताया कि मशीन से 70 रुपए के पेट्रोल में करीब एक बीघा फसल में निराई-गुडाई कर खरपतवार हटाने के साथ-साथ जमनी को पोली किया जा सकता है। मशीन के माध्यम से किसान एक घंटे में करीब एक बीघा जमीन में आराम से निराई-गुड़ाईकर खरपतवार को हटाने का कार्य कर सकता है। वहीं मजदूरी में एक बीघा पर करीब चार-पांच सौ रुपए का खर्च आता है। मशीन से जमीन की मिटट्ी भी पोली होने से फसल भी अच्छी होती है तथा खरपतवार पूर्ण रूप से खत्म हो जाती है।
मशीन में सुधार में जुटा किसान-
किसान का मानना है कि कबाड़ से बनाई निराई-गुडाई मशीन में सुधार की जरूरत है। उन्होंने बताया कि मशीन में फिलहाल एक बीघा पर करीब 70 रुपए का खर्च आ रहा है। जिसे कम करने के लिए मशीन में सुधार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मशीन के पीछे टायर व सीट लगाई जाएगी। जिससे की किसान मशीन पर बैठ कर ही निराई-गुडाई कर सके। मशीन से कपास, अरंडी, टमाटर, मिर्च सहित अन्य फसलों में आसानी से निराई-गुडाई की जा सकती है।
Published on:
07 Jan 2019 10:49 pm
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