रामलीला को देखने के लिए मुम्बई, कोलकता, सुरत दिल्ली, प्रवासियों के साथ साथ शेशु, कुलहरियों की ढाणी, टांई, खांसाेली, राणासर, चूरू, मंडावा सहित आसपास के दर्जनो गांवो से लीला प्रेमी पहुंचे। पूरा दंगल दुधिया रोशनी से जगमग रहा था। पंडित रामगोपाल लाटा एवं ओमप्रकाश ठाकर ने चौपाइयों का वाचन किया। लीला में 8 वर्ष से लेकर वयोवृद्ध स्थानीय 80 कलाकारों ने अभिनय कर रंग जमाया। हजारों तीरो की वर्षा के साथ ही आतिशबाजी कर कलाकारों का मनोबल बढाया।
इस अवसर पर भामाशाह जगदीश प्रसाद कसेरा, संरक्षक महावीर प्रसाद सोती, कमल पोद्दार, समिति अध्यक्ष कन्हैयालाल पुजारी, कोषाध्यक्ष ललित पुरोहित, मंत्री श्याम सुन्दर शर्मा, संयोजक महेन्द्र पारीक, आचार्य सुनील शास्त्री, श्री किशन स्वामी, कपिलेश पुजारी, कमल बजावा वाला, नरेश बंसल, विजय माटोलिया, मुरारी जोशी, सुभाष खटीक, विलास सैनी, विमल जलधारी, राजेश जलधारी,संदीप पारीक, संजय पोद्दार, भवानीशंकर महनसरीया आदि उपस्थित थे। वही थानाधिकारी रामसिंह यादव के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता तैनात रहा।