
झुंझुनू. हर माता - पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर कामयाब हों और नाम रोशन करें। बेटा हो या बेटी, उन्हें कामयाब बनाने के लिए मां-बाप दिन-रात मेहनत-मजदूरी करते हैं। झुंझुनूं जिले में कई ऐसे उदाहरण है जिनके माता-पिता ने मेहनत-मजदूरी कर बेटे-बेटियों को कामयाबी के शिखर तक पहुंचाया। वहीं, बेटे-बेटियों ने भी अपने माता-पिता की मेहनत को बेकार नहीं होने दिया। विषम हालातों में माता-पिता के सपनों को पूरा कर औरों के लिए मिसाल बने।
उदयपुरवाटी उपखंड के मंडावरा गांव के कालूराम गुर्जर चेजा-पत्थर की मजदूरी कर अपनी बेटी कंचन गुर्जर के हौसलों को पंख लगा रहे हैं। कंचन भी मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ रही। कंचन भी मेहनत में कम नहीं है। उसने मटकों में सीमेंट भरकर ही वेटलिफ्टिंग की तैयारी शुरू कर दी और वेटलिफ्टिंग में नेशनल स्तर तक पदक जीते। अब ओलंपिक की तैयारी कर रही है। राजस्थान पत्रिका ने जब घर के आर्थिक हालात और उसके जज्बे की खबर प्रकाशित की तो दो लाख रुपए का सामान राजस्थान खेल परिषद से मिल गया।
पौख निवासी प्रकाश रसगनियां और छोटी देवी ने जूता सिलाई और मनरेगा में मजदूरी कर बेटियों को डॉक्टर बनाया है। एक बेटी अंजेश एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर सरकारी चिकित्सक की तैयारी कर रही है। दूसरी बेटी पूजा रसगनियां आयुर्वेदिक चिकित्सक की पढ़ाई कर रही है। राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद जयपुर की शेपिंग फ्यूचर संस्था दोनों की पढ़ाई का खर्चा उठा रही है।
Updated on:
01 May 2024 10:36 am
Published on:
01 May 2024 10:33 am
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