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पिलानी डॉ. आरडी सैनी को मिलेगा मीरा पुरस्कार

डॉ. आरडी सैनी को वर्ष 2020-21 के गद्य का सर्वाेच्च पुरस्कार ‘मीरा पुरस्कार’ देने की घोषणा की गई है। डॉ. सैनी को यह पुरस्कार उनके उपन्यास ‘प्रिय ओलिव’ के लिए दिया गया है। प्रिय ओलिव एक पालतू श्वान और मनुष्य के भावनात्मक अंतर्संबंधों की कहानी है। जो पालतू जीवों के प्रति दया भाव रखने को प्रेरित करती है।

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पिलानी डॉ. आरडी सैनी को मिलेगा मीरा पुरस्कार

पिलानी डॉ. आरडी सैनी को मिलेगा मीरा पुरस्कार


Meera Award 2023

पिलानी(झुंझुनूं). राजस्थान साहित्य अकादमी ने पिलानी कस्बे के रहने वाले डॉ. आरडी सैनी को सर्वोच्च मीरा पुरस्कार के लिए चुना है। जिसकी जानकारी अकादमी अध्यक्ष दूलाराम सहारण ने दी है। अकादमी सदस्य एवं पीआरओ झुंझुनूं हिमांशु सिंह ने बताया कि डॉ. आरडी सैनी को वर्ष 2020-21 के गद्य का सर्वाेच्च पुरस्कार ‘मीरा पुरस्कार’ देने की घोषणा की गई है। डॉ. सैनी को यह पुरस्कार उनके उपन्यास ‘प्रिय ओलिव’ के लिए दिया गया है। प्रिय ओलिव एक पालतू श्वान और मनुष्य के भावनात्मक अंतर्संबंधों की कहानी है। जो पालतू जीवों के प्रति दया भाव रखने को प्रेरित करती है। गौरतलब है कि डॉ. सैनी मूलतया झुंझुनूं के पिलानी के मूल निवासी हैं। वे चिड़ावा कॉलेज में प्रिंसीपल भी रह चुके हैं। वे आरपीएससी के पूर्व कार्यवाहक चेयरमैन और सदस्य रहे हैं। इससे पहले वे राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी के भी निदेशक रह चुके हैं। डॉ. सैनी को पुरस्कार स्वरूप 75 हजार रुपए की सम्मान राशि सर्वाेच्च मीरा पुरस्कार के लिए दी जाएगी। आपको बता दें कि प्रदेश में राजस्थान साहित्य अकादमी की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी। पहला मीरा पुरस्कार 1959-60 में साहित्यकार डॉ. रामानंद तिवारी को दिया गया था। पीआरओ ने बताया कि सैनी को जिले में यह पहला पुरस्कार मिला है।