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पुलवामा हमले के मास्टर माइंड गाजी को मारने वाले श्योराम का बलिदान भूली सरकार, वीरांगना का छलका दर्द

पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों से भरी बस को ब्लास्ट करने वाले आतंकी संगठन के मास्टर माइन्ड गाजी कामरान सहित तीन आतंकियों को 18 फरवरी 2019 को मौत के घाट उतारने वाले शहीद श्योराम गुर्जर के परिवार को राजस्थान की सरकार भूल गई है।

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Pulwama Attack: shahid shyoram gurjar rajasthan government

खेतड़ी। पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों से भरी बस को ब्लास्ट करने वाले आतंकी संगठन के मास्टर माइन्ड गाजी कामरान सहित तीन आतंकियों को 18 फरवरी 2019 को मौत के घाट उतारने वाले शहीद श्योराम गुर्जर के परिवार को राजस्थान की सरकार भूल गई है। सरकार खुद के किए वादे भी पूरे नहीं कर पा रही। इस मुठभेड़ में श्योराम गुर्जर सहित सेना के पांच और जवान शहीद हुए थे। श्योराम गुर्जर की वीरता पर तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने उन्हे आर्मी डे पर शहीदोपरांत सेना पदक प्रदान किया था। जिसे 15 जनवरी 2020 को शहीद की वीरांगना सुनीता देवी ने लिया।

वीरांगना का छलका दर्द
मेरे पति श्योराम गुर्जर ने देश के लिए अपना फर्ज निभाते हुए शहादत दी, उस पर मुझे गर्व है। परन्तु मुझे इस बात का मलाल है कि शहीद की अंतिम यात्रा के समय जो-जो घोषणाएं हुई थी। उसमे एक भी पूर्ण नहीं हुई है। राज्य सरकार के दो केबिनेट मंत्री यहां आए थे। घोषणा की थी कि राज्य सरकार तीन माह में शहीद वीरांगना को नौकरी देगी। स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर होगा। मुख्य सड़क से शहीद स्मारक तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। शहादत को तीन वर्ष हो चुके है। परन्तु उनकी एक घोषणा पूर्ण नहीं हुई है। उसे अधिकारी जयपुर व झुंझुनूं के चक्कर लगवा रहे हैं। इसके अतिरिक्त शहीद स्मारक के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की गई थी। स्मारक पर उनके 14 लाख रुपयों का खर्च आया है। परन्तु उन्हें दिए गए हैं मात्र चार लाख शेष 10 लाख उनके स्वयं के पास से लगे हैं।

ग्रामीणों की जुबानी
शहीद के भाई रूपचन्द, मायाराम अवाना, सतपाल रावत, अजीत पहलवान, विक्रम, रोहित, ओमवीर, सुभाष लाका ने कहा कि हमारे लाडले ने खुद की जान की बाजी लगाते समय एक मिनट भी नहीं सोचा। यह सरकार तीन साल बाद भी वादा नहीं निभा रही। शहीद की वीरांगना को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दे। स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर किया जाए।