
राजेश तंवर
Rajasthan News : जल संकट से जूझ रहे झुंझुनूं जिले के सीमावर्ती गांवों के किसानों ने अब पानी की किल्लत से निपटने के लिए अनूठा तरीका खोज लिया है। यहां के कई किसानों ने हरियाणा की सीमा में जमीन खरीदकर वहां ट्यूबवेल लगवाए हैं और उनसे अपने राजस्थान स्थित खेतों तक पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा पीने के पानी का कनेक्शन भी अपने स्तर पर हरियाणा के लोगों से ले रहे हैं। इसके लिए हरियाणा सीमा से लगते गांव में जल संग्रहण कुंड भी बनाए गए हैं।
पड़ौसी राज्य हरियाणा से कृषि ही नहीं पीने के पानी की आपूर्ति भी हो रही है। हरियाणा के टयूबवेल मालिकों ने राजस्थान के गांवों तक पाइप लाइन बिछाकर घरों में पानी का कनेक्शन भी दे रखा है। एक कनेक्शन के दो सौ रुपए प्रतिमाह लिए जाते हैं।
प्रदेश की तुलना में हरियाणा में भूजल स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा है, करीब 300-400 फीट। वजह है वहां की नहर व्यवस्था। दूसरी ओर, बुहाना क्षेत्र में पानी 600 फीट से भी नीचे चला गया है, और जो बचा है उसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, जो पीने के लिए हानिकारक है।
उपखंड में पेयजल की आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत 29 ग्राम पंचायतों में काम चल रहा है। पीने के पानी की किल्लत को देखते हुए टैंकरों से वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है।
अविनाश कुमार, एईएन, जलदाय विभाग, बुहाना
बुहाना तहसील के पथाना, भालोठ, काकड़ा, गूंति, श्योपुरा जैसे गांवों के किसानों ने हरियाणा के महरमपुर, चिंडालिया, दुलोठ और गोदबलाहा जैसे गांवों में कुछ भूखंड खरीदे हैं। वहां ट्यूबवेल स्थापित किए गए हैं। इनसे भूमिगत पाइपलाइन बिछाकर 2 से 10 किलोमीटर दूर तक अपने खेतों में पानी पहुंचाया जा रहा है। खेतों में गहरे कुंड बनाकर पानी जमा किया जाता है और उसी से सिंचाई की जा रही है।
हरियाणा में आधा किला जमीन खरीदने में करीब 15 लाख का खर्च आता है। एक बार ट्यूबवेल लगने के बाद किसान राजस्थान में पानी बेचकर ढाई से तीन सौ रुपए प्रति घंटे की दर से आमदनी कर रहे हैं।
Published on:
13 Apr 2025 01:41 pm
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