जिस पर डीएसटी टीम ने अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर किढ़वाना निवासी महिपाल बसेरा पुत्र महेंद्र सिंह, हमीरवास (अगवाना खुर्द) निवासी नरेंद्र कुमार पुत्र काशीराम और डालमिया की ढाणी निवासी प्रमोद पूनिया पुत्र चंद्रपाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में तीनों आरोपियों की भूमिका संदिग्ध लगी। ऐसे में तीनों को गिरफ्तार कर लिया। जिसे कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया। थानाधिकारी अनिल चौधरी ने बताया कि आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। पुलिस टीम में डीएसटी हैड कांस्टेबल शशिकांत शर्मा, हरिराम, महेंद्र यादव, चालक विकास यादव शामिल थे।
परिचितों से ही ले रहे थे रुपए
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपी अभ्यर्थियों से पेपर उपलब्ध करवाने के नाम पर 10 से 13 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। जो कि अभ्यर्थियों को परीक्षा से काफी देर पहले ही पेपर मुहैया करवाने का बात कह रहे थे। यानी कि परीक्षा से पूर्व आरोपी अनुचित तरीके से बड़ी रकम लेकर पेपर उपलब्ध करवाने की झांसा दे रहे थे। मोबाइल में वाटसअप चैटिंग में भी इसका उल्लेख मिला है। सूत्रों के अनुसार आरोपी अपने परिचितों को ही धोखाधड़ी का शिकार बना रहे थे।
रात को गिरफ्तारी
जिला स्पेशल टीम ने तीनों आरोपियों को अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर हिरासत में लिया। पुलिस ने आरोपियों को अगवाना, किढवाना और चिड़ावा से गिरफ्तार किया। जिसमें आरोपी प्रमोद पूनिया योग्यता कोचिंग के नाम से संस्थान संचालन करता है।
अलग-अलग धाराओं में मुकदमे दर्ज
पेपर लीक की साजिश करने के तीनों आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। डीएसटी प्रभारी कल्याणसिंह की रिपोर्ट पर तीनों के खिलाफ धारा 420, 120बी व 3/10 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती के अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्याय) अधिनियम 2022 के तहत मुकदमे दर्ज किए गए।