
विदेश में लापता राकेश जांगिड़ का अवसाद में बैठा परिवार। इनसेट में राकेश Photo- Patrika
पचलंगी (झुंझुनूं). मणकसास गांव निवासी राकेश जांगिड़ 21 जून 23 को रोज़गार की तलाश में दुबई गया था, लेकिन 23 महीने बीत जाने के बाद भी उसका कोई अता-पता नहीं है। अंतिम बार 6 जुलाई 2023 को उसकी परिजनों से बातचीत हुई थी, तब से लेकर अब तक उसका कोई संपर्क नहीं हुआ है।
राकेश की पत्नी मनोज देवी ने बताया कि राकेश को सीकर जिले के कटराथल निवासी एजेंट बनवारी लाल और हरिराम जांगिड़ ने 1.20 लाख रुपए लेकर दुबई भेजा था। एयरपोर्ट पर टूरिस्ट वीजा की जानकारी मिलने पर भी एजेंटों ने भरोसा दिलाया कि आगे सब कुछ संभाल लेंगे। लेकिन 6 जुलाई के बाद राकेश का कोई पता नहीं चला।
मनोज देवी के अनुसार, उस दिन राकेश ने दूसरे नंबर से फोन कर रोते हुए बात की, लेकिन किसी स्पष्ट कारण का उल्लेख नहीं किया। फोन कटने के बाद से उनका मोबाइल भी बंद है। 8 मार्च 24 को एजेंट बनवारी लाल का वॉइस मैसेज आया कि राकेश जेल में है, जाकर छुड़ा लो। हमें परेशान मत करो।
राकेश की पत्नी सिलाई करके तीन बच्चों का पेट पाल रही है। परिजनों का कहना है कि हर फोन की घंटी पर उन्हें राकेश के कॉल की उमीद रहती है। मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है।
15 मार्च 2024 को राकेश के बड़े भाई मक्खन लाल दुबई गए और वहां जेल, अस्पताल, मोर्चरी, दूतावास तक हर जगह खोजबीन की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने दुबई के देहरा क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज करवाई और भारत लौट आए।
राकेश जांगिड़ निवासी मणकसास की दुबई में लापता की रिपोर्ट थाने में दर्ज है। मामले की जांच की जा रही है। एजेंटों के माध्यम से राकेश विदेश गया था। एजेंटों के घर वालों से हाल ही पूछताछ की व उन पर दबाव बनाया जा रहा है। शीघ्र ही एजेंटों से विदेश में संपर्क कर उनसे पूछताछ की जाएगी।
Updated on:
01 Jun 2025 03:41 pm
Published on:
01 Jun 2025 03:37 pm
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