
जम्मू-कश्मीर में अपनी वीरता से आतंकियों के मंसूबे नाकाम करने वाले जांबाज सिपाही झुंझुनूं जिले के मनोहरपुरा गांव के रहने वाले नीरज अहलावत को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
घटना के समय नीरज कुमार चौंतीसवीं बटालियन आरआर में जम्मू एवं कश्मीर में तैनात थे। 20 जून 2020 को जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इसके बाद घेराबंदी तलाशी अभियान चलाया गया। अभियान में सिपाही नीरज अहलावत अपनी एसोल्ट टीम के साथ मुस्तैदी से तैनात रहे। आतंकियों ने अचानक आम नागरिकों को मानव कवच कर भीषण गोलीबारी करते हुए भागने का प्रयास किया।
विषम परिस्थितियों में उत्कृष्ट मानसिक संतुलन व युद्ध कौशल का परिचय देते हुए सिपाही नीरज ने सटीक निशाने से खतरनाक जैश-ए-मोहम्मद के एक कमांडर को मार गिराया। दूसरे आतंकी को घायल करने में कामयाब रहे। आतंकी दूसरी तरफ से आधुनिक हथियारों से गोलियां बरसा रहे थे। लेकिन नीरज ने अपनी जान की परवाह नहीं की।
चुनौती पूर्ण हालातों में अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए अदम्य साहस और कौशल का अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन किया। एक शौर्यपूर्ण अभियान को अंजाम देने पर उन्हें सम्मानित किया गया। नीरज अहलावत के पिता बृजभान अहलावत व माता विनोद देवी है। नीरज 2013 में झुंझूनूं आर्मी रैली में भर्ती हुए थे। नीरज की वीरता पर ग्रामीणों को गर्व का अनुभव हो रहा है।
Published on:
12 May 2022 11:45 am
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