
राजेश शर्मा/झुंझुनूं. तापमान माइनस आठ डिग्री। न बिजली, न पानी। आवास के नाम पर टेंट और खाने के लिए ब्रेड। ऐसे विकट हालात में झुंझुनूं जिले के सोलाना गांव की सुषमा खुद की परवाह किए बिना तुर्की में भूकंप पीड़ितों की जान बचा रही है। एनडीआरएफ में हेडकांस्टेबल सुषमा छह फरवरी को विशेष विमान से भारत सरकार के 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत तुर्की पहुंची। सुषमा एएनएम का कोर्स कर चुकी है।
सुषमा ने तुर्की से ‘राजस्थान पत्रिका’ को फोन पर बताया कि भूकंप के बाद यहां हालात बेहद खराब हैं। जहां देखो वहां मलबे के ढेर पड़े हैं। सुषमा ने कहा कि हमारा यहां आने का पहला मकसद घायलों की जान बचाना है। सुषमा अभी मेडिकल कैंप में सेवाएं दे रही है। सुषमा ने बताया कि जिस समय तुर्की जाने का आदेश आया, उस समय मेरे जुड़वा बच्चे मेरे पास थे। दो वर्ष 2 माह के दोनों जुड़वा बच्चों को मैंने पहले दादा-दादी के पास छोड़ा। अब सुषमा के दोनों जुड़वा बच्चे उत्तरप्रदेश के बागपत शहर में सेना से रिटायर्ड अपने नाना अशोक व नानी के पास रह रहे हैं। नेटवर्क की समस्या के कारण सुषमा अपने परिवार से बात भी नहीं कर पा रही है।
अब पति भी जाएंगे
सुषमा के पति एनडीआरएफ में निरीक्षक सोलाना निवासी जितेंद्र झाझड़िया भी जल्द तुर्की जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एनडीआरएफ में महिलाओं को विदेश में मदद के लिए भेजा गया है। सुषमा व जितेन्द्र एनडीआरएफ की 8वीं वाहिनी गाजियाबाद में कार्यरत हैं। कोराना की पहली लहर में सेवा के लिए दोनों पति-पत्नी को विशेष पुरस्कार दिया गया था।
Published on:
13 Feb 2023 12:35 pm
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