
jhunjhunu news: एससी-एसटी न्यायालय ने पांच साल पहले पशु चिकित्सक की हत्या करने के मामले में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि चार अन्य अभियुक्तों को अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन माह का साधारण करावास व पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। मामले के अनुसार 14 अगस्त 2019 को श्रीमाधोपुर के ढाणी बिलासा वाली, जयरामपुरा निवासी सचिन मीणा की लोहे की झर, लाठी-डंडे व पत्थरों से हत्या कर दी थी। सचिन मीणा पशु चिकित्सक के पद पर ज्वाइनिंग के बाद पार्टी करने के लिए अपने दोस्तों के साथ कोट बांध घूमने गया था।
परिवादी मोतीराम पुत्र बीरबल मीणा निवासी जयरामपुरा ने उदयपुरवाटी थाने में रिर्पोट दी थी कि 14 अगस्त 2019 को उसका लड़का सचिन मीणा अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए कोट बांध व सकराय आए थे। कोट बांध पर दोपहर बाद वहां पर लगी अस्थाई दुकान यानी ठेले से पकौड़ी ली, लेकिन ठेले वाले ने गर्म पकौड़ी की बजाय ठंडी पकौड़ी दे दी।
इस बात को लेकर विवाद हो गया। इस पर दुकानदार रामावतार गुर्जर, पिंटू गुर्जर, रतन गुर्जर व विष्णु ने उसके पुत्र व उसके दोस्तों के साथ पकौड़ी उतारने की झर, कूचा, लाठी व पत्थरों से मारपीट की। इससे उसके पुत्र के गंभीर चोटें आई। चोटों की वजह से उसका पुत्र वहीं पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। उसे अस्पताल ले जाने के दौरान भी एक जीप में फूला गुर्जर व उसके साथ आठ-दस आदमी आए और सभी ने फिर से लाठियों व पत्थरों से मारपीट शुरू कर दी और पत्थरबाजी कर गाड़ी के शीशे तोड़ दिए।
झुंझुनूं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के बाद ढाणी गेरोठ की तन कोट निवासी फूलचंद, रतनलाल, पिंटू कुमार, मोहनलाल, ढाणी नला उपर की तन हरजनपुरा, थोई निवासी रामावतार के विरुद्ध हत्या व एससी, एसटी एक्ट मे चालान पेश किया, जबकि विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक के विरूद्व किशोर न्याय बोर्ड में आरोप पत्र पेश कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ठ लोक अभियोजक विनोद कुमार वर्मा व पीड़ित पक्ष की तरफ से अनूप गिल ने पैरवी करते हुए इस्तगासा पक्ष की तरफ से 18 गवाह के बयान कराए व 29 दस्तावेज प्रदर्शित कर न्यायालय में तर्क दिया कि आरोपियों को सख्त सजा दी जाए।
न्यायाधीश सरिता नौशाद ने आरोपी पिंटू कुमार को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व अन्य धाराओं में सजा सुनाई है। जबकि अन्य को हत्या व अनुसूचित, जनजाति अधिनियम के आरोपों से तो बरी कर दिया गया, लेकिन चारों आरोपियों को रिष्टी व साधारण मारपीट के मामले में दोषी मानते हुए अधिकतम तीन माह के साधारण कारावास व पांच हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। सभी सजा साथ-साथ भुगतने व पुलिस अथवा न्यायिक अभिरक्षा की अवधि को नियमानुसार मूल सजा में समायोजित करने के आदेश दिए गए हैं।
Published on:
13 Dec 2024 09:50 am
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