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DGMO Salary: भारतीय सेना में कैसे बनते हैं DGMO? क्या होती है इनकी सैलरी और मिलने वाली सुविधाएं, जानिए

DGMO Salary: डीजीएमओ एक महत्वपूर्ण पद है, जिसे सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल संभालता है। DGMO मुख्य रूप से आर्मी सेना के प्रमुख को रिपोर्ट करता है। जानिए इनकी सैलरी-

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DGMO Salary

DGMO Salary: भारतीय सेना में एक नहीं कई सारे पद होते हैं। ये सभी पद रैंक के अनुसार तय किए जाते हैं। इन्हीं में से एक पद है, डीजीएमओ (Director General of Military Operations) का, जिसकी आजकल काफी चर्चा हो रही है। डीजीएमओ एक महत्वपूर्ण पद है, जिसे सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल संभालता है। DGMO मुख्य रूप से आर्मी सेना के प्रमुख को रिपोर्ट करता है। DGMO की मुख्य जिम्मेदारी है तीनों सेना के फॉर्म, आर्मी, नेवी और वायुसेना के बीच तालमेल बैठाना।  

कौन है वर्तमान डीजीएमओ 

वर्तमान समय में डीजीएमओ के पद पर राजीव घई हैं। उन्होंने 25 अक्टूबर 2024 को यह पदभार संभाला था। इससे पहले वे चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GoC) रह चुके हैं। 

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भारत का डीजीएमओ कौन होता है?

DGMO सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल 3 स्टार रैंक होते हैं। इनका काम होता है बड़े ऑपरेशन की प्लानिंग करना। DGMO सीधे सेना प्रमुख (Army Chief) को रिपोर्ट करते हैं और सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल बैठाते हैं।

कैसे बनते हैं डीजीएमओ (Kaise Bante Hai DGMO)

डीजीएमओ के पद पर पहुंचने के लिए सालों की मेहनत, अनुभव और टॉप लेवल का की काबिलियत चाहिए होती है। भारतीय सेना में DGMO का पद सिर्फ सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल को दिया जाता है। ऐसे लोग किसी कोर का कमांड संभाल चुके हों, उन्हें इस तरह के पद मिलते हैं। DGMO बनने के लिए NDA या NDC की ट्रेनिंग जरूरी है। 

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कैसे होता है डीजीएमओ का सेलेक्शन (DGMO Selection Process)

डीजीएमओ पद के लिए कोई ओपन या डायरेक्ट भर्ती नहीं होती है। CDS या NDA के जरिए सेना में दाखिला होना होता है। लंबे समय के अनुभव के बाद, नेतृत्व करने की क्षमता और कैंडिडेट्स का रिकॉर्ड देखकर सीनियर ऑफिसर द्वारा किसी कैंडिडेट को इस पद पर प्रोमोट किया जाता है। DGMO का चुनाव सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय मिलकर करते हैं। 

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कितनी होती है सैलरी (DGMO Salary) 

डीजीएमओ, जो कि लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है, को 7वें वेतन आयोग के अनुसार बेसिक वेतन 1,82,200 रुपये से 2,24,100 रुपये प्रतिमाह मिलता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के भत्ते जैसे कि मकान, मेडिकल, परिवहन और उच्च जोखिम भत्ते दिए जाते हैं। कुल मिलाकर DGMO की एक महीने की सैलरी 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक हो सकती है।

क्यों चर्चा में है DGMO का पद

भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े लेवल पर तनाव चल रहा है। दोनों देशों के बीच सीजफायर का एलान हो चुका है और शनिवार शाम 5 बजे से दोनों देशों ने संघर्ष विराम की घोषणा की थी। हालांकि, शनिवार देर रात पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उलंघन किया गया, जिसपर भारतीय सेना ने एक्शन लेते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया। सीजफायर की चर्चाओं के बीच DGMO पर की खास चर्चा हो रही है।