scriptसरकार का नया नियम, सरकारी नौकरी में प्रमोशन के पहले होगी पुलिस जांच | Govt Jobs: Rajasthan govt imposes new rule for promotion in police job | Patrika News

सरकार का नया नियम, सरकारी नौकरी में प्रमोशन के पहले होगी पुलिस जांच

locationजयपुरPublished: Jul 16, 2019 12:31:07 pm

Govt Jobs: नवपदोन्नत अधिकारियों को 9 सप्ताह का इंडक्शन कोर्स राजस्थान पुलिस अकादमी में कराया जा रहा है। कोर्स पूरा होने पर इन अधिकारियों को लिखित परीक्षा से गुजरना होगा।

Govt Jobs, govt jobs in hindi, govt jobs 2019, rajasthan news, rajasthan, police jobs, constable recruitment

Govt Jobs, govt jobs in hindi, govt jobs 2019, rajasthan news, rajasthan, police jobs, constable recruitment

Govt Jobs: सरकार ने जिन पुलिस निरीक्षकों को पदोन्नति के लिए उपयुक्त मान कर उप अधीक्षक बनाया है उनकी पुलिस मुख्यालय दक्षता परीक्षा लेगा। इसके लिए नवपदोन्नत अधिकारियों को 9 सप्ताह का इंडक्शन कोर्स राजस्थान पुलिस अकादमी में कराया जा रहा है। कोर्स पूरा होने पर इन अधिकारियों को लिखित परीक्षा से गुजरना होगा। इस परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक पाने वाले अधिकारी ही फील्ड पोस्टिंग पाने के हकदार होंगे।

उप अधीक्षक स्तर के अधिकारियों ने गृह विभाग को पत्र लिख कर इस परीक्षा पर सवाल भी उठा दिया है। पुलिस में परीक्षा के आधार पर पदोन्नति हैड कांस्टेबल, सहायक उपनिरीक्षक व उपनिरीक्षक व निरीक्षक पद के लिए ही होती है। इसके बाद निरीक्षक से उपअधीक्षक, उप अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा आरपीएस से आइपीएस पद पर पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर मिलती है। गत सरकार ने हैड कांस्टेबल से निरीक्षक स्तर तक भी पचास प्रतिशत पदों पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की व्यवस्था की है। निरीक्षक से उप अधीक्षक पद के लिए होने वाली डीपीसी में आरपीएससी, गृह विभाग के एसीएस व कार्मिक विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं। इसी व्यवस्था के आधार पर बर्ष 2018 में उप अधीक्षक बने 84 अधिकारियों का बैच अभी आरपीए में इंडक्शन कोर्स कर रहा है।

आईबी व आरएसी के अधिकारियों के लिए 9 सप्ताह तथा सिविल पुलिस के अधिकारियों के लिए 6 सप्ताह के कोर्स की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद अपने सेवानिवृत्ति से पहले पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने जून माह में इस व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए परीक्षा का व्यवस्था और जोड़ दी। इसमें तय किया कि कोर्स के दौरान हर सप्ताह परीक्षा ली जाएगी। प्रत्येक परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे। सभी पेपर का परिणाम 55 प्रतिशत या इससे अधिक रहने पर ही अधिकारी को फील्ड पोस्टिंग के लिए पात्र माना जाएगा।

पुलिस एक्ट की नहीं हुई पालना, फिर भी नया आदेश
अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर पुलिस एक्ट में मापदंड तय किए हुए हैं। एक्ट में अधिकारियों की पोस्टिंग में राजनीतिक दखल नहीं होने की व्यवस्था है। पुलिस निरीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक की नियुक्ति की व्यवस्था पुलिस एक्ट 2007 में दी हुई है। हालांकि इसकी पालना किसी भी पद के लिए नहीं की जा रही है।

आइपीएस के लिए परीक्षा क्यों नहीं
छोटे पदों के लिए परीक्षा की व्यवस्था में गंभीर है लेकिन बड़े पदों के लिए व्यवस्था नहीं है। तीन वर्ष में दो आइपीएस सेवा से हटाए हैं। इनमें से एक को तो सरकार ने फील्ड पोस्टिंग तो दूर नॉन-फील्ड पोस्टिंग के लिए भी उपयुक्त नहीं माना। इसके अलावा सरकार ने कई को फील्ड के लिए उपयुक्त नहीं मानते हुए उन्हें पद से हटाया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो