
ICAR - NRCPB recruitment 2018, आईसीएआर - नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन प्लांट बायोटेक्नोलॉजी ने आरए, एसआरएफ/ यंग प्रोफेशनल I व II, एसआरएफ, कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ और जेआरएफ / एसआरएफ के 11 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार 6 मार्च 2018 को साक्षात्कार में शामिल हो सकते हैं।
आईसीएआर - नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन प्लांट बायोटेक्नोलॉजी ( ICAR - NRCPB ) में रिक्त पदों का विवरणः
आरए: 2 पद
एसआरएफ / यंग प्रोफेशनल II: 4 पद
एसआरएफ: 1 पद
कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ: 2 पद
युवा पेशेवर I: 1 पद
जेआरएफ / एसआरएफ / यंग प्रोफेशनल II: 1 पद
आईसीएआर - नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन प्लांट बायोटेक्नोलॉजी ( ICAR - NRCPB ) में रिक्त पदों पर आवेदन के लिए पात्रता मानदंड व शैक्षिक / तकनीकी योग्यता और अनुभव:
- आर ए: बायोटैक्नोलॉजी / मॉलिक्यूलर बायोलॉजी/ जेनेटिक्स / अलाइड साइंसेज में पीएचडी या एमएससी डिग्री।
- एसआरएफ / यंग प्रोफेशनल II: मॉलिक्यूलर बायोलॉजी / बायोटैक्नोलॉजी/ बायो इन्फार्मेटिक्स/ लाइफ साइंसेज / अलाइड साइंसेज में एमएससी।३
- पात्रता मानदंड, शैक्षिक योग्यता संबंधी अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार नीचे दिए गए अधिसूचना लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
चयन प्रक्रिया:
योग्य उम्मीदवार को साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर चुना जाएगा।
आवेदन कैसे करें:
पद के लिए योग्य उम्मीदवार साक्षात्कार में मूल प्रमाण पत्र और सभी प्रमाणपत्रों की फोटोकॉपी और एक पासपोर्ट साइज की तस्वीर के साथ 6 मार्च 2018 को 10:00 बजे एनआरसीपीबी, एलबीएस बिल्डिंग, पुसा कैंपस, नई दिल्ली -110012 के पते पर उपस्थित हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण तिथि:
साक्षात्कार की तिथि: 6 मार्च 2018
ICAR - NRCPB recruitment notification 2018:
आईसीएआर - नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन प्लांट बायोटेक्नोलॉजी ने आरए, एसआरएफ/ यंग प्रोफेशनल I व II, एसआरएफ, कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ और जेआरएफ / एसआरएफ के 11 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
परिचयः
राष्ट्रीय पादप जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीपीबी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अ.प.) का एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना 1985 में फसल पौधों में आण्विक जीव विज्ञान और जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अ.सं.) में 'जैवप्रौद्योगिकी केन्द्र' के रूप में हुई थी। कृषि में जैवप्रौद्योगिकी की निरंतर बढ़ती हुई भूमिका के कारण इस केन्द्र का उत्तरदायित्व बढ़ा और इसे 1993 में राष्ट्रीय पादप जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र के रूप में प्रौन्नत किया गया।
Published on:
28 Feb 2018 03:21 pm
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