जोधपुर में भी गत 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ था। उस दिन कोविन सर्वर में तकनीकी खामी के चलते मैन्युअली ही टीकाकरण किया गया। इसका फायदा उठाते हुए महिला लिपिक ने अपने साथ अपने भाई को भी कोविड का टीका लगवा दिया। टीका शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेजिडेंसी में लगाया गया। स्वास्थ्य केंद्र के टीकाकरण रिकॉर्ड में भी लाभार्थी की जन्मतिथि ९ फरवरी २००४ अंकित है। फिर भी टीकाकरण से पहले न सिर्फ जांच की गई और न ही किसी जिम्मेदार ने गैर चिकित्साकर्मी के टीका लगने पर सवाल उठाया। जबकि गाइडलाइन में अवयस्क को टीका लगाने की मनाही है।
पत्रिका संवाददाता ने रिकार्ड में दर्ज नम्बर पर फोन लगाकर किशोर से बात की तो उसने भी १६ जनवरी को टीका लगाए जाने की बात स्वीकार की। पत्रिका के पास मौजूद दस्तावेज में लाभार्थी किशोर का नाम क्रमांक ८२ पर जन्मतिथि व आईडी के साथ पहचान के लिए पैनकार्ड के इस्तेमाल का उल्लेख है।
एलडीसी ने काट दिया फोन
गाइडलाइन के विपरित भाई को वैक्सीन लगवाने वाली महिला लिपिक से भी पत्रिका संवाददाता ने बात की। टीकाकरण के बाद स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने तक तो उसने सही जवाब दिए, लेकिन जैसे ही भाई को टीका लगाने का सवाल किया तो उसने फोन किसी और को पकड़ा दिया और उसने कोई टीका नहीं लगा… कोई टीका नहीं लगा… कहते हुए फोन काट दिया।
सीएमएचओ बोले, जांच करवाएंगे
गाइडलाइन के विपरित भाई को वैक्सीन लगवाने वाली महिला लिपिक से भी पत्रिका संवाददाता ने बात की। टीकाकरण के बाद स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने तक तो उसने सही जवाब दिए, लेकिन जैसे ही भाई को टीका लगाने का सवाल किया तो उसने फोन किसी और को पकड़ा दिया और उसने कोई टीका नहीं लगा… कोई टीका नहीं लगा… कहते हुए फोन काट दिया।
सीएमएचओ बोले, जांच करवाएंगे
सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है। इस मामले की जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे। वैसे पहले दिन ऑनलाइन टीकाकरण नहीं होने के कारण ऐसा हो सकता है, मगर मामले की तह में जाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।