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डायबिटीज से ढाई लाख तो सीओपीडी से 8 लाख से अधिक की हो रही मौत

locationजोधपुरPublished: Nov 16, 2021 10:07:50 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
-विंटर सीजन में कोहरे पर जम रहे पॉल्यूशन के कण
सीओपीडी डे आज
स्मोकिंग से बचे यूथ
सीओपीडी फैक्ट फाइल
हर दिन 23 सौ की मौत
देश में हर साल साढ़े 5 करोड़ हो रहे सीओपीडी के शिकार
देश में प्रतिवर्ष 8 लाख 48 हजार की मौत

डायबिटीज से ढाई लाख तो सीओपीडी से 8 लाख से अधिक की हो रही मौत

डायबिटीज से ढाई लाख तो सीओपीडी से 8 लाख से अधिक की हो रही मौत

जोधपुर. विश्व भर में बुधवार को वल्र्ड सीओपीडी यानी वल्र्ड क्रोनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज डे मनाया जाएगा। इसकी जागरूकता इसलिए जरूरी हैं कि हर वर्ष लाखों लोग इस डिजीज की चपेट में आ रहे है। डायबिटीज से ज्यादा सीओपीडी से मौतें हो रही है। इसके अलावा ये बीमारी सर्दियों की सीजन में भी जमकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है।
देश की राजधानी दिल्ली व प्रदेश राजधानी जयपुर सहित अन्य सिटीज पर पॉल्यूशन जमकर धावा बोल रहा है। इसी प्रकार जोधपुर में भी अस्थमा, सीओपीडी व आइएलडी (इंटरस्टीशियल लंग डिजीज ) के मरीजों में करीब 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सर्दी और कोहरा बढऩे के साथ ही आने वाले दिनों में पॉल्यूशन का असर और भयानक देखने को मिल सकता है। क्योंकि व्हीकल से निकलने वाला धुआं वातावरण में विसर्जित होने की बजाय ग्राउंड की सतह पर रहता है। जब कोहरा पड़ता है तो उस कोहरे में प्रदूषण के कण जम जाते हैं। प्रात:कालीन वॉकिंग करने वाले लोग पर इसका सीधा इफैक्ट पड़ता है। सीओपीडी व अस्थमा सहित श्वास संबंधी अन्य बीमारियों के शिकार लोगों पर अधिक असर दिखने लगता है।
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सीओपीडी वृद्धावस्था, प्रोढ़ावस्था में अस्थमा से मिलता-जुलता रोग है
वल्र्ड क्रोनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी के सीओपीडी वृद्धावस्था, प्रोढ़ावस्था में अस्थमा से मिलता-जुलता रोग है। इसमें खांसी, ब्ल्गम व सांस फूलता है। धू्रमपान करने वाले व्यक्ति में भी लक्षण पाए जाते हैं तो समझिए कि सीओपीडी के लक्षण हो सकते हैं। उन्हें चिकित्सक से संपर्क कर स्प्राइरोमीटर टेस्ट कराना चाहिए। ताकि कंफर्म हो कि सीओपीडी है या अस्थमा है। सीओपीडी तीसरा मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। ग्रामीण भारत में देखे तो क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस, जो कि सीओपीडी का पार्ट है, वो मृत्यु का प्रथम कारण है। सीओपीडी बहुत ही अंडर डाइग्नोस है। अगर कम्पेयर करें डायबिटीज या सीओपीडी से तो 20 केस ही सीओपीडी के राइट डाइग्नोसिस के आते हैं। शेष 80 प्रतिशत अंडर डाइग्नोसिस के आते हैं। सभी लोग धू्रमपान से बचे, सीओपीडी है तो तुरंत उसका इलाज करवाएं। नॉन स्मोकर सीओपीडी में 65 प्रतिशत केसेज आते है, बाकी 35 प्रतिशत स्मोकर्स सीओपीडी में आते हैं।
– डॉ. सीआर चौधरी, विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी मेडिसिन, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज

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