वल्र्ड क्रोनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी के सीओपीडी वृद्धावस्था, प्रोढ़ावस्था में अस्थमा से मिलता-जुलता रोग है। इसमें खांसी, ब्ल्गम व सांस फूलता है। धू्रमपान करने वाले व्यक्ति में भी लक्षण पाए जाते हैं तो समझिए कि सीओपीडी के लक्षण हो सकते हैं। उन्हें चिकित्सक से संपर्क कर स्प्राइरोमीटर टेस्ट कराना चाहिए। ताकि कंफर्म हो कि सीओपीडी है या अस्थमा है। सीओपीडी तीसरा मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। ग्रामीण भारत में देखे तो क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस, जो कि सीओपीडी का पार्ट है, वो मृत्यु का प्रथम कारण है। सीओपीडी बहुत ही अंडर डाइग्नोस है। अगर कम्पेयर करें डायबिटीज या सीओपीडी से तो 20 केस ही सीओपीडी के राइट डाइग्नोसिस के आते हैं। शेष 80 प्रतिशत अंडर डाइग्नोसिस के आते हैं। सभी लोग धू्रमपान से बचे, सीओपीडी है तो तुरंत उसका इलाज करवाएं। नॉन स्मोकर सीओपीडी में 65 प्रतिशत केसेज आते है, बाकी 35 प्रतिशत स्मोकर्स सीओपीडी में आते हैं।