कुछ यह खास जगह है जोधपुर – भीम भडक़ की पहाडिय़ां – बालसमंद लेक हिल्स – घोडा घाटी की पहाडिय़ां – हिंगलाज पर्वत – बेरी गंगा हिल्स – कागा हिल्स
– संतोषी माता मंदिर की पहाडिय़ां – बैद्यनाथ हिल्स – अरना झरना की पहाडिय़ां – कायलाना हिल – पचेटिया हिल – जोगी हिल – दईजर पहाडिय़ा – लहरिया हिल्स
रविवार की सुबह का उपयोग पिछले लॉकडाउन के बाद से ही ट्रेक अॅन ड्रीम्स ने माउंटेब क्लाइम्बिंग व ट्रेकिंग का सफर शुरू किया। एक साल पूरा होने जा रहा है और लोगों का क्रेज पहाड़ों पर योगा-मेडिटेशन के प्रति काफी बढ़ा है। संस्थान के वर्षा भाटी व शैलेश भूरानी बताते हैं कि अब तक 22 सफलतापूर्वक ट्रेक करवाने के बाद 1 हजार से ज्यादा लोगों को जोड़ चुके हैं। प्रशांत दीक्षित जो कि एडवेंचर्स जगह ढूंढने में मदद करते हैं, वह बताते हैं कि फिटनेस के प्रति अनुभव काफी सकारात्मक रहा है। पायल जैन, मेहुल अरोड़ा और दीपांशु दाधीच भी पहाड़ों की सैर में मददगार बन रहे हैं।
हिमाचल-उतराखंड की तर्ज पर पहाडों से प्रेम
शहर के अमित पाराशर, अजय सियोटा व रौनक शर्मा ने बताया कि युवाओं को जागरूक करने के लिए 10 लोगों के साथ पहाड़ों की सैर की शुरुआत की। अब हर सप्ताह 70 से 100 लोग पहाड़ों का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं। कोई विद्यार्थी तो कोई व्यापारी और कोई नौकरी पेशा है। योग व्यायाम, सूर्य नमस्कार, मेडिटेशन के साथ फन एक्टिविटी के जरिये प्रकृति प्रेम का संदेश दे रहे हैं। चेतन यादव, सुरेंद्र प्रजापत, भुवनेश खनालिया, टीकम बोराणा, अंकित मालवीय जो कि सक्रिय रूप से युवाओं को इसके लिए जागरूक कर रहे हैं।