उन्होंने जून २०१७ में कम्पनीे में सम्पर्क किया तो विदेश में विश्वविख्यात विश्वविद्यालय में प्रवेश, फॉर्म जमा कराने, फीस, वीजा व हॉस्टल का २५.५ लाख रुपए में खर्च बताया। यह राशि मुकेश ने अलग-अलग किस्तों में जमा करवाई। फिर जब पुत्र विदेश में विश्वविद्यालय पहुंचा तो पता लगा कि उसका प्रवेश तक नहीं हुआ है। पिता ने आरोपी से सम्पर्क किया तो उसने राशि भेजने में असमर्थता जताई और पिता से आग्रह किया कि वे राशि जमा करवा दे। वो उन्हें राशि लौटा देगा। बाद में मुकेश नारंग ने राशि के लिए सम्पर्क किया तो आरोपी ने २.५ लाख रुपए लौटाए। शेष २३ लाख रुपए के लिए दस-दस लाख के दो व तीन लाख का एक चेक दिया, लेकिन तीनों चेक अनादरित हो गए।