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30 गरीब बच्चों में से 28 ने भेदा आइआइटी का टारगेट

iit news - जोधपुर सुपर-30 का परीक्षा परिणाम इस साल बेहतर

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30 गरीब बच्चों में से 28 ने भेदा आइआइटी का टारगेट

30 गरीब बच्चों में से 28 ने भेदा आइआइटी का टारगेट

जोधपुर. देश के 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश के लिए आयोजित आइआइटी जेईई-एडवांस का परीक्षा परिणाम सोमवार सुबह घोषित किया गया। जोधपुर में संचालित ऑयल इंडिया सुपर-30 के 30 विद्यार्थियों में से 28 चयनित हो गए। इस बार सभी तीस विद्यार्थी छात्र थे। कोई भी छात्रा नहीं थी।
सभी विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आते हैं। किसी के पिता नरेगा में हैं तो कोई भूमिहर मजदूर। किसी के पास पिता ड्राईवर तो किसी के माता स्कूली टीचर।

जालोरी गेट सरस ढाबा चलाने वाले का पुत्र आइआइटी में
जालोरी गेट के पास में सरस ढाबा संचालित करने वाले शंकरलाल रम्मानी का पुत्र यश रम्मानी का आइआइटी में चयन हो गया है। उसे एससी श्रेणी में 38वीं और ऑल इंडिया रैंक (एआइआर) 2937 मिली है। यश कम्प्यूटर साइंस में बीटैक करना चाहता है। नागौरी गेट निवासी यश की माता कविता गृहिणी है।

गांव का दूसरा छात्र जो आइआइटी करेगा
सुपर-30 में अध्ययनरत पंकज यादव जयपुर के पास रुण्डल गांव का निवासी है। अपने गांव का दूसरा छात्र है जो आइआइटी करेगा। उसने कैटेगरी रैंक 299 व एआइआर 2095 मिली है। किसान के बेटे पंकज ने बताया कि सफलता के लिए स्वयं का मोटिवेशन जरुरी होता है। आत्मविश्वास बनाकर रखिए।

स्कूल में मम्मी ने पढ़ाया, अब आइआइटी में
हरियाणा के करनाल जिले के सालवान गांव निवासी हर्षदीप के पिता स्वर्गीय पवन देव का बचपन में ही देहांत हो गया। माता देवी रानी ने निजी स्कूल में नौकरी करके हर्ष को पढ़ाया। हर्ष कहता है कि आठवीं तक वह केवल औसत छात्र था। इसके बाद मम्मी की प्रेरणा से आगे बढ़ता गया। दादाजी गांव में छोटी दुकान चलाते हैं। हर्ष की कैटेगरी रैंक 506 व एआइआर 5195 है।

मजदूर का बेटा बनना चाहता है आइएएस
हिंडोन के हेमंत कुमार मीणा को कैटेगरी रैंक 73 व एआआर 14609 मिली। उसके पिता पूरनचंद खेतिहर मजदूर है। माता सुनीता गृहिणी है। जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ा हेमंत बीटैक करने के बाद आइएएस बनना चाहता है। उसने कड़ी मेहनत और कमियों को भूलकर आगे बढऩे को अपना प्रेरणा स्त्रोत बताया।

6 साल में 151 चयनित
अभ्यानंद सुपर-30 की बतौर यूनिट संचालित ऑयल इंडिया सुपर-30 प्रदेश में केवल जोधपुर में ही है। यह 2014-15 में शुरू हुआ था। पांच साल में 183 में से 151 बच्चे आइआइटी पहुंच चुके हैं। इसमें से छात्राएं केवल तीन ही है। चयनित होने वाली सभी बच्चे गरीब तबके से आते हैं, जिनकी पारिवारिक आय 2.50 लाख वार्षिक से कम है। मैनेजर राहुल अग्रवाल ने बताया कि अगले साल के लिए 11 जुलाई को प्रवेश परीक्षा आयेाजित की गई थी। इसमें भी तीस छात्र छात्राओं का अगले साल होने वाली आइआइटी जेईई परीक्षा की तैयारी के लिए चयन किया गया है।