अब तक जोधपुर एयरपोर्ट के एप्रेन पर 3 विमान खड़े होते आए थे, जिसमें दो बड़े और एक छोटा शामिल था। ये तीनों पार्किंग-बे से थोड़ा पीछे खड़े होते थे और वापस घूमकर रन-वे की ओर निकलते थे। इसको पावर इन पावर आउट तकनीक कहते हैं। जोधपुर एयरपोर्ट पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक 18 फ्लाइट का संचालन होने से इक्का-दुक्का फ्लाइट के लेट होने पर बाद में आने वाली फ्लाइट को पार्र्किंग के लिए जगह नहीं मिल पाती और उसे रन-वे/ टैक्सी वे पर खड़ा रहना पड़ता। यात्री जोधपुर पहुंचने के बावजूद अपने विमान में ही बैठकर एप्रेन में जगह खाली होने का इंतजार करते थे। कई बार रन-वे पर खड़े विमान में बैठे-बैठे ही आधे से एक घंटा बीत जाता।
एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया ने एप्रेन के वर्तमान एरिया में ही नई तकनीक पावर इन-पुश बैक लगाकर अब चार विमानों को खड़ा करने की जगह कर दी है। बुधवार को एप्रेन में आने वाली फ्लाइट्स को पार्किंग-बे के अंदर तक खड़ा किया गया। उसके बाद वापस जाने के लिए विमान को घूमाने की बजाय पुश बैक मशीन से पीछे खींचा गया। इससे विमान जैसे अंदर आया, उसी रास्ते से वापस पीछे की ओर बाहर आ गया। अब हमेशा इस तकनीक से विमान पार्क होंगे।
गौरतलब है कि 15 नवम्बर को एक फ्लाइट के लेट होते ही अन्य कई फ्लाइट्स लेट हो गई थी। एयर इंडिया के विमान में 5 घण्टे तक यात्री कैद जैसे रहे। राजस्थान पत्रिका ने अपने 16 नवम्बर के अंक में ‘एयर इंडिया विमान में 5 घण्टे कैद रहे यात्री’ इस मुद्दे को उठाया था।