scriptजांच में नाम निकालने की एवज में 50 हजार की ली रिश्वत, दो मध्यस्थ गिरफ्तार | 50000 bribe taken in lieu of extracting name, 2 arrested | Patrika News

जांच में नाम निकालने की एवज में 50 हजार की ली रिश्वत, दो मध्यस्थ गिरफ्तार

locationजोधपुरPublished: Oct 29, 2021 01:07:56 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

– एएसआइ की भूमिका संदिग्ध, एसीबी कर रही पूछताछ

जांच में नाम निकालने की एवज में 50 हजार की ली रिश्वत, दो मध्यस्थ गिरफ्तार

जांच में नाम निकालने की एवज में 50 हजार की ली रिश्वत, दो मध्यस्थ गिरफ्तार

जोधपुर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर ने बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना में एक बुजुर्ग से पचास हजार रुपए रिश्वत लेते ई-मित्र के संचालक व एक अन्य को बतौर मध्यस्थ गिरफ्तार किया। संदिग्ध भूमिका के चलते पुलिस स्टेशन धोरीमन्ना के एएसआइ से एसीबी पूछताछ कर रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) भोपालसिंह लखावत ने बताया कि धोरीमन्ना के एक बुजुर्ग से 50 हजार रुपए रिश्वत लेने पर धोरीमन्ना में गजानंद ई-मित्र संचालक जसनाथपुरा निवासी ताराराम (35) पुत्र टीकमाराम सैन व कोलीयान निवासी बीरबल (20) पुत्र जगराम सैन को 50 हजार रुपए रिश्वत लेने पर गिरफ्तार किया गया है। ई-मित्र संचालक ताराराम ने बुजुर्ग परिवादी से 50 हजार रुपए लिए थे और फिर पास बैठे बीरबल को दे दिए थे। तभी ब्यूरो के निरीक्षक अमराराम खोखर के नेतृत्व में एसीबी ने दबिश देकर दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। बीरबल की पेंट की दाहिनीं जेब से रिश्वत राशि बरामद की गई।
पुत्र का नाम निकालने के लिए मांगी थी रिश्वत
बुजुर्ग परिवादी के पुत्र व भतीजे सहित तीन जनों के खिलाफ नाबालिग बच्ची को लेकर उपजे विवाद में मारपीट किए जाने के संबंध में धोरीमन्ना थाने में मामला दर्ज है। जांच एएसआइ मगन खान जांच कर रहे हैं। जांच में पुत्र का नाम निकालने व कार्रवाई न करने के लिए बुजुर्ग पिता ने एएसआइ मगन खान से सम्पर्क किया। तब पास में ताराराम भी बैठा था। परिवादी को ताराराम से मिलाया तो उसने 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत बुजुर्ग ने ब्यूरो से की थी। गत 20-21 अक्टूबर को गोपनीय सत्यापन कराए जाने पर ताराराम के रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। इस बीच, गुरुवार को बुजुर्ग उसके पास पहुंचे और 50 हजार रुपए ताराराम को दिए। उसने अपने पास बैठे बीरबल को दे दिए।
एएसआइ को हिरासत में लेकर पूछताछ
ब्यूरो का कहना है कि मध्यस्थ ताराराम ने एएसआइ के लिए रिश्वत ली थी, लेकिन गोपनीय सत्यापन में एएसआइ मगन खान की स्पष्ट भूमिका सामने नहीं आई है। एफआइआर में एएसआइ का नाम भी है। दोनों मध्यस्थों के पकड़े जाने के बाद एएसआइ को भी हिरासत में लिया गया, लेकिन फिलहाल भूमिका स्पष्ट न होने से उसको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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