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563वां स्थापना दिवस: ‘राव जोधा’ का जोधपुर रखता है खास पहचान

locationजोधपुरPublished: May 11, 2021 03:03:35 pm

‘सूर्य नगरी’ व ‘नीली नगरी’ के नाम से भी जाना जाता

563वां स्थापना दिवस: 'राव जोधा' का जोधपुर रखता है खास पहचान

563वां स्थापना दिवस: ‘राव जोधा’ का जोधपुर रखता है खास पहचान

जोधपुर. वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे ‘सूर्य नगरी’ भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे ‘नीली नगरी’ के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है।
जोधपुर रखता है अलग पहचान
सूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे छितर के पत्थरों से होती है, १५वी शताब्दी का विशालकाय मेहरानगढ़ दुर्ग, पथरीली चट्टान पहाड़ी पर, मैदान से १२५ मीटर ऊंचाई पर विद्यमान है। आठ द्वारों व अनगिनत बुजों से युक्त यह शहर दस किलोमीटर लंबी ऊंची दीवार से घिरा है।
१६वीं शताब्दी का मुख्य व्यापार केन्द्र, किलों का शहर जोधपुर, अब राजस्थान का दूसरा विशालतम शहर है। पूरे शहर में बिखरे वैभवशाली महल, किले और मंदिर, एक तरफ जहां ऐतिहासिक गौरव को जीवंत करते हैं वही दूसरी ओर उत्कृष्ट हस्तकलाएं लोक नृत्य, संगीत और प्रफुल्ल लोग शहर में रंगीन समां बांध देते हैं।

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