scriptडीएनए रिपोर्ट से साबित हुआ की आखिर कौन है काले हिरणों का शिकार.. | A new twist in salman khan black bug poaching case | Patrika News
जोधपुर

डीएनए रिपोर्ट से साबित हुआ की आखिर कौन है काले हिरणों का शिकार..

शिकार मामले के मुख्य जांच अधिकारी रहे पूर्व वन्यजीव अधिकारी ललित बोड़ा के हवाले से शिकार होने के सम्बन्ध में कई पुख्ता सबूत पर बहस की..

जोधपुरOct 11, 2017 / 02:00 pm

Harshwardhan bhati

कांकाणी शिकार प्रकरण में मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला की अदालत में अभियोजन अधिकारी भवानीसिंह भाटी ने शिकार मामले के मुख्य जांच अधिकारी रहे पूर्व वन्यजीव अधिकारी ललित बोड़ा के हवाले से शिकार होने के सम्बन्ध में कई पुख्ता सबूत पर बहस की।
अभियोजन ने जोधपुर स्थित राजस्थान फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (आरएफएसएल) की आधिकारिक जांच रिपोर्ट के बारे में कोर्ट को अवगत करवाया। रिपोर्ट में लिखा है कि हिरणों की मौत जहर या अन्य कारणों से नहीं, बल्कि फायरिंग से हुई थी। अभियोजन ने बचाव पक्ष के द्वारा बोड़ा से पूर्व में की गई उस जिरह पर भी बहस की, जिसमें हिरणों के अवशेष की जांच डीएनए एक्सपर्ट से नहीं करवाने सम्बन्धी संशय जताया गया था। इस सम्बन्ध में अभियोजन ने न्यायाधीश देवकुमार खत्री को आरएफएसएल के द्वारा दिए गए पत्र के बारे में अवगत करवाया, जिसमें यह लिखा गया है कि जांच अधिकारी ने डीएनए टेस्ट के लिए सैम्पल भेजे थे, लेकिन यह सुविधा नहीं होने से टेस्ट यहां नहीं हो सके। जांच अधिकारी ने बाद में डीएनए टेस्ट के लिए सैम्पल हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला में भेजकर रिपोर्ट मंगवाई थी। उस रिपोर्ट में भी हिरणों का शिकार होने की बात बताई गई है। दो घंटे चली बहस आज भी अधूरी रही। बुधवार को फिर इसी मामलें की सुनवाई होगी । बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत, केके व्यास, मनीष सिसोदिया न्यायालय में उपस्थित थे।

ये है मामला

आज से 19 वर्ष पहले फिल्म की शूटिंग के दौरान फिल्म स्टार सलमान खान , सैफ अली खान , तब्बू, व सोनाली बेंद्रे सहित अन्य के खिलाफ पहले मीडिया में प्रकाशित समाचारों के अनुसार शूटिंग स्थल के आस-पास हिरणों का शिकार करने के आरोप लगे। इन पर प्रसंज्ञान लेते हुए वन विभाग के माध्यम से स्थानीय पुलिस ने सलमान व अन्य के खिलाफ आदलातों में चार मुकदमे दायर किए। दो मुकदमों में निचली अदालतों से सजा होने के बाद हाईकोर्ट में दायर अपील में सलमान बरी हो गया, वहीं तीसरे अवैध हथियार रखने के मामले में निचली अदालत ने ही उसको बरी कर दिया। वैसे हाईकोर्ट के फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है तथा हथियार मामले में सेशन कोर्ट में अपील दायर हुई है। अभियोजक अधिकारी भवानी सिंह ने बहस शुरू करते हुए कोर्ट को घटनास्थल का पूरा वर्णन किया, इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में भी कोर्ट को विस्तृत वर्णन कर बताया।

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