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आखिर अस्पताल में एेसा क्या हुआ कि बच्ची का जन्म महात्मा गांधी की मूर्ति के पास हुआ

locationजोधपुरPublished: Aug 22, 2018 11:34:01 pm

Submitted by:

Ranveer

सुविधा नहीं, लेकिन आपात सेवा मानते हुए करवाया प्रसव
एमजीएच को जनाना अस्पताल समझ प्रसव कराने ले आए परिजन

After all, what happened in hospital baby was born near statue gandhi

आखिर अस्पताल में एेसा क्या हुआ कि बच्ची का जन्म महात्मा गांधी की मूर्ति के पास हुआ

जोधपुर. डिलीवरी की सुविधा नहीं होने के बावजूद आपतकालीन सेवा मानते हुए महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में बुधवार को एक महिला की डिलीवरी करानी पड़ी। धुंधाड़ा निवासी एक प्रसूता के परिजन गलती से एमजीएच अस्पताल को जनाना अस्पताल समझ बैठे और यहां प्रसव कराने ले आए थे। यहां प्रसूता को लेबर पेन तेज हुआ तो आपात स्थिति मानते हुए अस्पताल चिकित्सक व स्टाफ ने प्रसूता को इमरजेंसी में ले लिया। यहां महिला ने फिमेल शिशु को जन्म दिया।
प्रसूता सुबह साढ़े दस बजे परिजनों के साथ महात्मा गांधी अस्पताल आई थी। गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष उसको लेबर पेन होना शुरू हो गया और रक्तस्राव होने लगा। अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने बताया कि डॉ. भारती सारस्वत ने उन्हें घटना की जानकारी दी। उन्होंने सीधे नर्सिंग अधीक्षक डॉ. उषा किरण बोड़ा को फोन कर तुंरत घटना स्थल पहुंचने के लिए कहा। इसके बाद चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ ने महिला को इमरजेंसी में शिफ्ट किया। उसके प्रसव संबंधी सारे कार्य पूरे किए। वहीं अधीक्षक डॉ. व्यास ने पूरे मामले की जानकारी उम्मेद अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई को दी। डॉ. देसाई ने बताया कि मां-बेटी दोनों की सेहत ठीक है। फिलहाल लेबर रुम में भर्ती किया गया है। वहीं प्रसूता के देवर श्रवण ने बताया कि वे भूलवश एमजीएच आ गए थे। प्रसूता की उम्र लगभग 28 से 30 साल है। प्रसूता को पहले सिजेरियन प्रसव प्रक्रिया में पुत्र हुआ था। महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने बताया कि समय रहते अस्पताल की नर्स व डॉक्टर ने मौके पर पहुंच उनका इलाज करवाया। इससे मां और बच्ची दोनों की तबीयत ठीक हैं। महिला के दो बच्चे और तीसरी बार उसने लड़की को जन्म दिया। गौरतलब हैं कि महात्मा गांधी अस्पताल में 50 साल पहले प्रसव की सुविधा हुआ करती थी। वर्तमान में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के उम्मेद अस्पताल और एमडीएम अस्पताल जनाना विंग में प्रसव की सुविधा है।
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