
एचएएल 2031 तक वायुसेना को 180 तेजस बनाकर देगी। (एएनआई)
गजेंद्र सिंह दहिया
Jodhpur News: भारतीय वायुसेना को पहला स्वदेशी सुपरसोनिक लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 ए जल्द मिलने वाला है। यह वर्तमान में संचालित तेजस मार्क-1 का उन्नत संस्करण है। तेजस मार्क-1 ए में 40 बड़े बदलाव किए गए हैं। विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और रडार बदले गए हैं। तेजस मार्क-1 ए ने पहली सफल उड़ान इसी साल 28 मार्च को भरी थी। वायुसेना को इसकी आपूर्ति जुलाई में होनी थी, लेकिन सप्लाई चेन गड़बड़ा जाने से इसमें देरी हो गई है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने बताया कि बेंगलूरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा तैयार तेजस मार्क-1 ए लड़ाकू विमानों की 4.5 जनरेशन का जेट है। इसकी पहली स्क्वाड्रन बीकानेर के नाल एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात होने की संभावना है, जो वर्तमान की मिग-21 बायसन स्क्वाड्रन की जगह लेगी।
तेजस मार्क-1ए को एयरबेस पर बड़ी कैनोपी चाहिए होगी। इसमें नया इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोसेसर डिस्प्ले सिस्टम और फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम के हार्डवेयर को डाला गया है। इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरो राडार, एयर-टू-ग्राउंड, एयर-टू-एयर मोड और सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर लगाया गया है। फिलहाल तेजस एमके-1ए में उन्नत इज़राइल राडार ईएल/एम-2025 लगाया गया है, जिसमें जल्द ही भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और एचएएल द्वारा तैयार स्वदेशी उत्तम एईएसए रडार लगाया जाएगा।
नए लड़ाकू विमान के नीचे हथियारों के लिए 9 हार्ड पॉइंट हैं, जिसमें बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, एयर-टू-एयर/ग्राउंड मिसाइल, एडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल ले जा सकेंगे। बाहरी सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स लगाया है जो दुश्मन लड़ाकू विमान के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में मदद करेगा।
Updated on:
12 Sept 2024 08:54 am
Published on:
12 Sept 2024 08:53 am
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