कस्बे का यह तालाब दीवान राजलाव सिंह के द्वारा 96 बीघा क्षेत्र में खुदवाया गया था लेकिन कालांतर में इस तालाब का काफी बड़ा हिस्सा सरकारी विभागों के भवन निर्माण के लिए काम में ले लिया गया। वर्तमान में करीब 36 बीघा क्षेत्र इस तालाब का माना जाता है। तालाब के कैचमेंट क्षेत्र से बहाव का पानी नहीं मिलने के कारण यह तालाब हर बार बारिश में आधा अधूरा ही भरता है।
एक बार तो इसे कर दी थी पाटने की तैयारी
एक बार तो इस तालाब में कस्बे का कचरा डालकर इसे पाटने तक की तैयारी हो चुकी थी, लेकिन एक दशक पूर्व राजस्थान पत्रिका के अमृतम् जलम् कार्यक्रम के तहत इस तालाब में एक पखवाड़े तक जन सहयोग से तालाब की खुदाई करवाई गई और सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉली मिट्टी बाहर निकाली गई, जिससे तालाब भरने लगा और आसपास के कुएं रिचार्ज होने लगे। अब इस तालाब की साफ-सफाई नहीं हो पा रही है , तालाब की चाहरदीवारी भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र एवं अभिजीत मुहूर्त में तालाब के पुनरुद्धार के लिए पत्रिका के अमृतम् जलम् कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
पुनरुद्धार के लिए बनेगी करोड़ों की डीपीआर
पालिका अध्यक्ष रूपसिंह परिहार ने अमृतम् जलम् कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि कस्बे के लोग इस तालाब के सौंदर्य का लाभ लें इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव ले लिया गया है।
पालिका अध्यक्ष रूपसिंह परिहार ने अमृतम् जलम् कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि कस्बे के लोग इस तालाब के सौंदर्य का लाभ लें इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव ले लिया गया है।
अधिशासी अधिकारी जितेंद्र भाटी ने कहा कि 36 बीघा क्षेत्र के इस पौराणिक तालाब को आधुनिक ढंग से तैयार किया जाएगा। तालाब के चारों ओर सुबह शाम लोग वाकिंग कर सके, इसके लिए सुंदर हरे भरे पेड़़ लगेंगे और तालाब के तीन ओर घाट भी बनाए जाएंगे।
प्रतिपक्ष नेता अर्जुन बोचावत ने तालाब की सुरक्षा को लेकर पुरानी चाहरदीवारी के नवीनीकरण करवाने के लिए कहा। वहीं कार्यवाहक सहायक अभियंता पप्पूराम बेरवा ने कहा कि इसी पखवाड़े करोड़ों की लागत से तैयार होने वाले तालाब की डीपीआर को अंतिम स्वरूप दे दिया जाएगा।
इस अवसर पर पार्षद त्रिलोक नैनीवाल, यादवसिंह, कल्याणसिंह, भैराराम, ललित चौधरी, तेजाराम चौयल, जगदीश खोखर, हीराराम आरआइ संजयकुमार आदि मौजूद थे।