इन स्थानों पर लगाए गए पौधें – कृषि विज्ञान केन्द्र- गुडामालानी, सिरोही, मौलासर, अठियासन, फलोदी व केशवाना ।
– कृषि अनुसंधान केन्द्र- मंडोर-जोधपुर, केशवाना-जालोर व उप केन्द्रों पर।
– कृषि महाविद्यालय- नागौर व सुमेरपुर।
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एक पौधे की पैदावार 40-50 किलो
– कृषि अनुसंधान केन्द्र- मंडोर-जोधपुर, केशवाना-जालोर व उप केन्द्रों पर।
– कृषि महाविद्यालय- नागौर व सुमेरपुर।
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एक पौधे की पैदावार 40-50 किलो
– सामान्य पानी मे पनपने वाले इस पौधे को सर्दी में प्रति सप्ताह एक बार तथा गर्मी में दो बार पानी की जरुरत रहती है।
– यह पौधा लगभग 44-45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने की क्षमता रखता है।
– यह पौधा लगभग 44-45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने की क्षमता रखता है।
– पहले वर्ष प्रति पौधा 7-8 किलो तथा बड़े होने पर अधिकतम 40-50 किलो पैदावार देता है।
– 25 वर्ष तक खड़ा रहने वाला यह पौधा क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल है। —
मारवाड़ में सेब लगाने का एक नवाचार किया है। जलवायु, तापमान के हिसाब से इसकी रिपोर्ट अच्छी आ रही है। अच्छी फसल हुई तो किसानों को कमाई का नया विकल्प मिलेगा।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति
– 25 वर्ष तक खड़ा रहने वाला यह पौधा क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल है। —
मारवाड़ में सेब लगाने का एक नवाचार किया है। जलवायु, तापमान के हिसाब से इसकी रिपोर्ट अच्छी आ रही है। अच्छी फसल हुई तो किसानों को कमाई का नया विकल्प मिलेगा।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर
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प्रयोग के तौर पर मैने सेब के पौधें लगाए है। अब धीरे-धीरे पनपना शुरू हुए है, कोपलें निकली है और उम्मीद है पहली फसल अच्छी आएगी।
जयनारायण सांखला, प्रगतिशील किसान
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प्रयोग के तौर पर मैने सेब के पौधें लगाए है। अब धीरे-धीरे पनपना शुरू हुए है, कोपलें निकली है और उम्मीद है पहली फसल अच्छी आएगी।
जयनारायण सांखला, प्रगतिशील किसान