scriptवायरस कमजोर होते ही निकली फंगस की हवा | As soon as the virus weakened, fungus downs | Patrika News

वायरस कमजोर होते ही निकली फंगस की हवा

locationजोधपुरPublished: Jun 17, 2021 06:11:38 pm

Black Fungus
– ब्लैक फंगस भी ढलान पर, 83 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे, मई की तुलना में एक तिहाई रह गए मरीज

वायरस कमजोर होते ही निकली फंगस की हवा

वायरस कमजोर होते ही निकली फंगस की हवा

जोधपुर. कोरोना वायरस कमजोर होते ही ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस की भी हवा निकल गई। एक महीने पहले की तुलना में अब म्यूकर के एक तिहाई मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। बड़ी बात यह है कि ब्लैक फंगस के 230 मरीजों में से 83 मरीज ठीक होकर घर पहुंच गए हैं। एम्स और एमडीएम अस्पताल में भर्ती कुछ रोगी भी तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने के अंत तक ब्लैक फंगस के मामले बहुत कम हो जाएंगे।
जोधपुर में 10 मई को पीक पर आए कोराना के दौरान स्टेरॉइड का अधिक सेवन करने वाले कई मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए। एम्स और एमडीएम अस्पताल में हर रोज 5 से 10 मरीज आ रहे थे। डॉक्टरों को 24 घण्टे ऑपरेशन थियेटर चलाकर मरीजों के चेहरे, जबड़े, मुंह और आंखों से फंगस निकाली पड़ी। कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी जाती रही। मई के अंतिम सप्ताह से कोरोना काबू में आने के बाद फंगस पर भी नियंत्रण है।
सिर्फ 13 प्रतिशत की गई जान
एम्स में ब्लैक फंगस के अब तक 154 और एमडीएम अस्पताल में 76 मरीज पहुंचे। एम्स में 17 और एमडीएम में 13 मरीजों की मौत हुई। एम्स से 61 और एमडीएमएच से 22 मरीज स्वस्थ हो गए।
इसलिए कमजोर पड़ा शिकंजा
ब्लैक फंगस की चपेट में आए चालीस प्रतिशत मरीजों को पहले डायबिटीज नहीं थी। कोविड में इन्हें भी डायबिटीज हो गई। यानी इन मरीजों का पुरानी डायबिटीक मरीजों की तुलना में रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत था इसलिए फंगस इन मरीजों का अधिक नुकसान नहीं कर सकी।
9 प्रतिशत की आंखें निकाली
ब्लैक फंगस की चपेट में आते ही जबड़े और आंखें निकालने की भ्रांति के कारण लोगों में खौफ हो गया था। एम्स और एमडीएम अस्पताल के डाटा के अनुसार मोटे तौर पर अब तक केवल 9 प्रतिशत मरीजों की ही आंखें निकालने की नौबत आई है। करीब 23 प्रतिशत मरीजों का पूरा जबड़ा निकालना पड़ा। करीब 60 प्रतिशत मरीजों की दूरबीन से सर्जरी करके उनके अंगों को बचा लिया गया। एमडीएम अस्पताल में देवंतराम नामक मरीज के तीन ऑपरेशन करने पड़े। इसके बावजूद वह अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौटा।
सभी पोस्ट कोविड, सभी डायबिटीक
– 95 प्रतिशत ब्लैक फंगस के मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव थी, बाकी क्लीनिकल पॉजिटिव थे।
– 100 फीसदी मरीज डायबिटीक, कोरोना उपचार में अधिक स्टेरॉइड खाने से फंगस की चपेट में आए।
– 45 वर्ष से अधिक आयु के है अधिकांश मरीज
– 40 प्रतिशत ब्लैक फंगस मरीजों को पता ही नहीं था डायबिटीज का
…………………………..

‘पहले जहां हर रोज 8-9 मरीज आ रहे थे अब इनकी संख्या 2-4 रह गई है। बीमारी कम होने लगी है।’
-डॉ अमित गोयल, ईएनटी विशेषज्ञ, एम्स जोधपुर

‘परसों एक मरीज आया था। उसके बाद तक कोई नहीं आया। पहले की तुलना में मरीज काफी कम हो गए।’
-डॉ महेंद्र चौहान, ईएनटी विशेषज्ञ, एमडीएम अस्पताल

ट्रेंडिंग वीडियो