30 साल में फिर से अपनी ही राशि में शनि ग्रह करीब ढाई साल तक एक ही राशि में रहता है। इस तरह तकरीबन 30 साल में फिर से अपनी ही राशि में आ जाता है। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। अभी तक ये मकर राशि में थे और अब 29 तारीख से कुंभ में आ जाएंगे। जिससे साढ़ेसाती और ढय्या की स्थिति बदलेगी।
शनि का दुर्लभ संयोग अप्रेल में पांच शनिवार होने के साथ ही शनि का राशि परिवर्तन होगा। इसके अगले दिन शनैश्चरी अमावस्या पर ये महीना खत्म हो रहा है। ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले सौ सालों में नहीं बना। शनि का ये योग सभी के लिए शुभ रहेगा। इस ग्रह की चाल में बदलाव का असर सभी राशियों पर रहेगा। इसके अगले दिन अमावस्या पर शनि देव से जुड़े उपाय करने से साढ़ेसाती और ढय्या में राहत मिलेगी। शनैश्चरी अमावस्या पर आंशिक सूर्य ग्रहण भी होगा। लेकिन भारत में नहीं दिखने से इसका धार्मिक महत्व नहीं रहेगा।
राशि परिवर्तन खोलेगा तरक्की के मार्ग ग्रहों के न्यायाधीश कर्मफल दाता शनिदेव जब-जब कुंभ राशि में होते हैं तब हम सभी के लिए कुछ न कुछ नया कार्य अवश्य होता है। एक बार फिर शनि कुंभ राशि में आ रहे हैं और दुनिया में महत्वपूर्ण घटना घटित होगी। जिसका लाभ सभी को मिलेगा। इस बार शनि देव कोई बड़ी बीमारी का इलाज देंगे। मेडिकल क्षेत्र में नए-नए आविष्कार होंगे और लाइलाज बीमारियों का इलाज मिलेगा। डिजिटल संचार तकनीकी क्षेत्र में कोई नई क्रांति की संभावना। भारत के लिए कुंभ राशि का शनि महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। शनि पिछली बार कुंभ राशि में थे। तब सेलफोन भारत में लॉन्च हुआ था। उसके साथ ही वाईफाई और ब्रॉडबैंड की सेवाएं भी शुरू हुई थी।
कर्क और वृश्चिक राशि पर रहेगी ढैय्या शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। जिसकी वजह से इन राशियों के लोगों को कड़ी मेहनत करनी होगी। शारीरिक परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। ज्याेतिष अनीष व्यास के अनुसार शनि के कुंभ में आने से मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। जिससे इस राशि के लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। साढ़ेसाती की वजह से कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ेगी। दौड़-भाग ज्यादा होगी और उसका फायदा कम मिलेगा। शनि देव के कुंभ में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। वहीं, मकर राशि वालों पर इसका आखिरी चरण रहेगा। कुंभ राशि पर दूसरा और मीन राशि वाले लोगों पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा।