महेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि रायसर निवासी जेठुूसिंह पुत्र सरदारसिंह बीपीएल कार्डधाररक हैं। वह अविवाहित होने से अपने परिवार में अकेले ही रहता है। जीवन का गुजर बसर करने के लिए उसने 18 भेड़ पाल रखी थी। हमेशा की भांति वह अपने भेड़ों का चारा आदि खिला उन्हें बाड़े में बंद कर घर चला गया था।
शुक्रवार रात अज्ञात जंगली जानवर जेठुूसिंह के बाड़े तक पहुंच गए। जंगली जानवरों ने बाड़े में पहुंचते ही भेड़ों को शिकार बनाना शुरू कर दिया और एक-एककर चौदह भेड़ों को मार डाला। वहीं 2 भेड़ों को घायलावस्था में छोडक़र चलते बने।
पशुुपालक जेठूसिंह ने सुबह यह माजरा देखा तो वह अचेत हो गया। लोगों ने उसे संभाला तथा उसका उपचार करवाया। इसकी सूचना सरपंच व पटवारी को दी गई। जिस पर सरपंच प्रतिनिधि मोहनसिंह, पटवारी कानाराम विश्नोई ने मौका मुआयना करते हुए नियमानुसार मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया।
जंगली भेडिय़ों के पदचिन्ह!
ग्रामीणों व पशुपालकों ने सुबह जब इन जंगली जानवरों के पदचिह्न देखे तो इन जानवरों के पैरों के निशान निकटवर्ती गड़ा गांव की सरहद की ओर जाते हुए दिखे। इन जंगली जानवरों द्वारा कई भेड़ों को मारने के बाद खेत में खड्डाकर इन्हें दबाने की कोशिश के चिह्न देखे गए हैं। जानकारों के मुताबिक एेसे पैरों के चिह्न व स्वाभाविक लक्षण जंगली भेडिय़ों के प्रतीत हो रहे हैं।
ग्रामीणों व पशुपालकों ने सुबह जब इन जंगली जानवरों के पदचिह्न देखे तो इन जानवरों के पैरों के निशान निकटवर्ती गड़ा गांव की सरहद की ओर जाते हुए दिखे। इन जंगली जानवरों द्वारा कई भेड़ों को मारने के बाद खेत में खड्डाकर इन्हें दबाने की कोशिश के चिह्न देखे गए हैं। जानकारों के मुताबिक एेसे पैरों के चिह्न व स्वाभाविक लक्षण जंगली भेडिय़ों के प्रतीत हो रहे हैं।