तकनीकी कामों की वजह से अटका हुआ था
वाहनों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक की इस नई प्रणाली से ट्रायल लेने के लिए तैयार ट्रेक पर सेंसर, कम्प्यूटर सिस्टम, सॉफ्टवेयर सहित तकनीकी काम नहीं होने की वजह से ट्रेक चालू नहीं हो पा रहा था। यह तकनीकी काम पूरा होने के बाद इसको सोमवार को शुरू कर दिया गया। ट्रेक का निर्माण राजस्थान राज्य सडक़ विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी ) ने किया है।
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विभाग की ओर से लाइसेंस प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। आवेदक आधार कार्ड में जनरेट मोबाइल नम्बर के आधार पर ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया पूरी कर बिना कार्यालय आए लर्निंग लाइसेंस बना सकता है। लर्निंग लाइसेंस जारी होने के ३० दिन बाद आवेदक को ऑनलाइन आवेदन कर स्थाई लाइसेंस के लिए बॉयोमेट्रिक व ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर ट्रायल के लिए आना होगा।
सभी आवश्यक तकनीकी कार्य पूरे होने के बाद ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रेक शुरू कर दिया गया है। इससे लाइसेंस प्रक्रिया में पादर्शिता आएगी व कार्य जल्दी होगा।
रामनारायण गुर्जर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
जोधपुर