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ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर लाइसेंस आवेदकों का ट्रायल हुआ शुरू

- आखिर 33 माह बाद शुरू हुआ - ट्रेक पर सेंसर की वजह से अटका हुआ था काम

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ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर लाइसेंस आवेदकों का ट्रायल हुआ शुरू

ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर लाइसेंस आवेदकों का ट्रायल हुआ शुरू

जोधपुर। परिवहन विभाग कार्यालय (आरटीओ) में बनाया गया नया ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक आखिर करीब ३३ माह बाद सोमवार को मूर्तरूप लिया और ट्रेक पर लाइसेंस आवेदकों का ट्रायल शुरू हुआ। ट्रायल के पहले दिन २८ दुपहिया व ३५ स्थाई लाइसेंस आवेदकों की ट्रायल ली गई। जिसमें २६ दुपहिया आवेदक पास हुए व दो फेल हुए। वहीं चार पहिया वाहनों के ट्रायल में ३० पास व ५ फेल हुए। ट्रायल में फेल आवेदकों के लिए सात दिन बाद पुन: ट्रायल में आकर टेस्ट देने की व्यवस्था की गई है।

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तकनीकी कामों की वजह से अटका हुआ था
वाहनों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक की इस नई प्रणाली से ट्रायल लेने के लिए तैयार ट्रेक पर सेंसर, कम्प्यूटर सिस्टम, सॉफ्टवेयर सहित तकनीकी काम नहीं होने की वजह से ट्रेक चालू नहीं हो पा रहा था। यह तकनीकी काम पूरा होने के बाद इसको सोमवार को शुरू कर दिया गया। ट्रेक का निर्माण राजस्थान राज्य सडक़ विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी ) ने किया है।
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घर बैठे बना सकते है लर्निंग लाइसेंस
विभाग की ओर से लाइसेंस प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। आवेदक आधार कार्ड में जनरेट मोबाइल नम्बर के आधार पर ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया पूरी कर बिना कार्यालय आए लर्निंग लाइसेंस बना सकता है। लर्निंग लाइसेंस जारी होने के ३० दिन बाद आवेदक को ऑनलाइन आवेदन कर स्थाई लाइसेंस के लिए बॉयोमेट्रिक व ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर ट्रायल के लिए आना होगा।

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सभी आवश्यक तकनीकी कार्य पूरे होने के बाद ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रायल ट्रेक शुरू कर दिया गया है। इससे लाइसेंस प्रक्रिया में पादर्शिता आएगी व कार्य जल्दी होगा।
रामनारायण गुर्जर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
जोधपुर