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सचेत रहें, तीन साल में हो चुकी ऑनलाइन ठगी की 700 से ज्यादा वारदातें

locationजोधपुरPublished: Oct 20, 2021 01:23:12 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

सचेत रहें, तीन साल में हो चुकी ऑनलाइन ठगी की 700 से ज्यादा वारदातेंअनजान कॉल या एसएमएस के झांसे में न आएं, ठगी होते ही 155260 पर कॉल करेंलोगो – मौका ए सावधान

सचेत रहें, तीन साल में हो चुकी ऑनलाइन ठगी की 700 से ज्यादा वारदातें

सचेत रहें, तीन साल में हो चुकी ऑनलाइन ठगी की 700 से ज्यादा वारदातें

जोधपुर.
संचार क्रांति के युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। साइबर गैंग की वजह से बैंकों में जमा रुपए भी असुरक्षित हैं। साइबर गिरोह देश के किसी भी कोने से बैंक खाते में सैंध लगा लेते हैं। इनसे बचने का उपाय सिर्फ और सिर्फ सावधानी है। अकेले जोधपुर में साढ़े तीन साल में ऑनलाइन ठगी की सात सौ से अधिक वारदातें हो चुकी है। पुलिस व साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि ठगी होते ही तुरंत टोल फ्री नम्बर 155260 पर सूचित करें, ताकि राशि ठगों के खातों में ट्रांसफर होने से पहले होल्ड व रिफंड कराई जा सके।
साइबर ठग आमजन के खातों से रुपए निकालने के लिए नित नए तरीके अपना रहे हैं। मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से लिंक पर क्लिक करने को दुष्प्रेरित कर मोबाइलधारक के बैंक खातों की जानकारी हासिल करने का प्रयास करते हैं। वहीं, कई अनजान व्यक्ति कॉल पर लुभावनी बातें करके जाल में फंसाते हैं। ऐसे अनजान एसएमएस, लिंक या व्यक्तियों की बातों में न आकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है।
सावधानी ही उपाय है
ऑनलाइन ठगी से बचने का एक ही उपाय सावधानी है। आमजन किसी भी अनजान व्यक्ति के कॉल या मैसेज के लालच में कत्तई न आएं। न ही अनजन एसएमएस से आए लिंक पर क्लिक करें। ऐसा करने पर मोबाइल हैक किया जा सकता है और उससे फिर बैंक खाते की पूरी जानकारी लेकर रुपए निकाल लिए जाएंगे। बैंक कभी भी खाता संबंधी जानकारी नहीं मांगता है।
दो साल में बचाए 80 लाख रुपए
पुलिस स्टेशन खाण्डाफलसा के साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल सुरेश बिश्नोई ने बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर पिछले दो साल में ऑनलाइन ठगी के 25 मामलों में 80 लाख रुपए रिफण्ड करवाए हैं। उनका मानना है कि ठगी होने का पता लगते ही नजदीक स्थित पुलिस स्टेशन या टोल फ्री नम्बर 155260 पर सूचित करना चाहिए, ताकि राशि ठगों के खाते में पहुंचने से पहले होल्ड कराई जा सके।
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केस : 1
सेवानिवृत्त बीएसएनएलकर्मी से 12.9 लाख की ठगी
बासनी में सेवानिवृत्त बीएसएनएलकर्मी बाबूलाल से गत अप्रेल में 12.90 लाख रुपए की ठगी हुई थी। गत सात अप्रेल को निजी फाइनेंस कम्पनी का कर्मचारी बन ठग ने फोन किया था। उसने 5 लाख रुपए के ऋण दिलाने की जानकारी ली थी। इस पर वो लालच में आ गए थे। आरोपी ने बीस दिन में 12.90 लाख रुपए जमा करवा लिए।
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केस : 2
एकाउंट नम्बर बताते ही 13.65 लाख पार
चौहाबो में सेक्टर 8 निवासी ड्राई क्लिनर जगदीश पुत्र प्रभुदयाल के एसबीआई बैंक खाते से ठग ने 22 व 23 मई को 25 बार में 13.65 लाख रुपए निकाल लिए। कुछ समय पहले जगदीश की दस लाख रुपए की एफडीआर मैच्योर हुई थी। 3.65 लाख रुपए पहले से बैंक खाते में जमा थे। गत 22 मई को जगदीश के पास एक व्यक्ति का कॉल आया। खुद को एसबीआइ कस्टमर केयर से बताने वाले उस व्यक्ति ने एटीएम कार्ड रिन्यू कराने और बदले में बीस हजार रुपए बैंक खाते में जमा होने का झांसा दिया। उसकी बातों में आकर जगदीश ने एटीएम कार्ड नम्बर, पासवर्ड, बैंक खाता नम्बर की पूरी जानकारी उससे शेयर कर दी। ऐसा करते ही ठग ने पीडि़त का बैंक खाता हैक कर लिया। इतना नहीं, उसके मोबाइल नम्बर भी बदल दिए।
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केस : 3
बीमा राशि दिलाने का झांसा देकर 40 लाख ठगे
चौहाबो में निजी कम्पनी से सेवानिवृत्त एक व्यक्ति से बीमा कराने के बाद वर्ष 2016 में 15 लाख रुपए ठग लिए गए थे। गत वर्ष इसी बीमा कम्पनी से परिपक्वता राशि दिलाने का झांसा देकर फिर कॉल किए गए। वृद्ध ठग की बातों में आ गए व 40 से अधिक किस्तों में 25 लाख रुपए और जमा करा दिए। दूसरी मर्तबा ठगी का पता लगने पर वृद्ध के पैरों तले जमीन खिसक गईं। वो देवनगर थाने पहुंचे और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
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आंकड़ों की नजर में ऑनलाइन ठगी
वर्ष……………………….कुल दर्ज मामले
2018………………………..177
2019………………………..296
2020………………………..217
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कुल……………………..690
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(नोट : यह आंकड़े पुलिस कमिश्नर कार्यालय से प्राप्त हैं।)
वर्ष 2021 में ऑनलाइन ठगी के आंकड़े 150 से अधिक हो चुके हैं।

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