न्यायाधीश विजय विश्नोई ने याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत व विनित जैन द्वारा पेश जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिए। चूरू निवासी उम्मेद खान ने एसीबी में शिकायत पेश की थी कि 30 जून को कुछ व्यक्ति सिविल ड्रेस में आए और उसके पुत्र रासीद को पकडकऱ अपनी गाड़ी में ले गए।
पूछने पर बताया गया कि वे दिल्ली पुलिस से आए हैं और रासीद का नाम डकैती के मुकदमे में होने के कारण उसे पूछताछ के लिए लेकर जा रहे हैं। बाद में परिवादी के मोबाइल पर रासीद ने कहा कि दिल्ली पुलिस वाले उसे छोड़ने के लिए पांच लाख रुपए मांग रहे हैं।
एसीबी ने सत्यापन के पश्चात कार्यवाही करते हुए आरोपियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। अधिवक्ताओं ने कहा कि आरोपी निर्दोष हैं। पांच लाख रुपए की राशि डकैती प्रकरण में बरामद करनी थी, लेकिन आरोपियों को घूस लेने के आरोप में फंसा दिया गया।