ज्ञात रहे कि मृतक भिंयाडिय़ा निवासी सहीराम मेघवाल का शव तीसरे दिन रातडानाडा के पास मिल गया था। लेकिन बरजू का शव नहीं मिलने के कारण एसडीआरएफ, सिविल आपदा बचाव दल सहित ग्रामीणों के दल की टीमों के द्वारा छह दिन तक तलाशी अभियान जारी रखा।
तलाशी अभियान के दौरान गगाड़ी फिल्टर प्लांट की सरहद में छठे दिन करीब 4 बजे एक बार शव देखा था लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते हाथ से निकल जाने से वापस ढूंढने में सफलता प्राप्त नहीं हुई थी। उसके बाद सूर्यास्त होने से तीन किमी का तलाशी अभियान बच गया था। इस बीच रात में शव नहर के पानी के साथ बहकर जेलू गगाड़ी स्थित हैड क्वार्टर पर जाली के पास जाकर रुक गया। वहां के कर्मचारियों ने सुबह जल्द दूरभाष बताया कि बरजू का शव हैड क्वार्टर पहुंच गया है।
सूचना पर सातवें दिन सुबह देचू थानाधिकारी दीपसिंह, चामू पुलिस चौकी प्रभारी राणीदानसिंह, हैड कांस्टेबल मांगीलाल, मथानिया थानाधिकारी सहित मृतक बरजू के परिजन व कुछ ग्रामीण शव लेने पहुंचे। पोस्टमार्टम करने के बाद सौंपा परिजनों को
सात दिन तक शव के नहर में रहने के बाद शरीर की दुर्दशा हो गई थी। देह सड़ांध मार रही थी, नजदीक जाना भी संभव नहीं था, फिर भी कुछ लोगों ने हिम्मत कर शव को प्लास्टिक में लपेटकर गाड़ी में डालकर देचू पहुंचाया, जहां पर मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करने के बाद करीब दो शव परिजनों को सुपुर्द किया गया। चार बजे नाथड़ाऊ स्थित श्मशान में दफनाया गया।